संसद में अविश्वास प्रस्‍ताव पर धुआ धार बहस चल रही है और आज भी यही अनुमान लगाया जा रहा है की संसद में अविश्वास प्रस्‍ताव पर आज भी तीखे वार पक्ष- विपक्ष की ओर से किये जायेंगे। आज सदन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई दिग्‍गज मंत्रियों के बहस में शामिल होने की खबर है। हालांकि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी शायद आज भी बहस में शामिल न हों, लेकिन आपको बता दे कि लोकसभा में मंगलवार को तीखी बहस देखने को मिली, जब विपक्ष ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और सरकार पर मणिपुर में बड़ा विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया। तब माहौल खुद ही गरमा गया।

मंगलवार की बहस

आपको बता दें कि अविश्वास प्रस्‍ताव पर मंगलवार को कांग्रेस की ओर से काफी आक्रोश देखने को मिला l लोकसभा में मंगलवार को अविश्‍वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “मौन व्रत” को तोड़ने के लिए विपक्षी गुट इंडिया को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनकी चुप्पी ने इस अविश्वास प्रस्‍ताव को जन्म दिया। गोगोई ने आरोप लगाया कि भारत की एकजुटता की बात करने वाले दोहरा मुखौटा पहन बैठे है, उन्होंने आरोप लगाया है कि एक सरकार एक भारत की बात करने वालो ने “दो मणिपुर बनाया हैं- एक पहाड़ों में और दूसरा घाटी में l” यह एक तंज काफी था विपक्ष के संसद के माहौल के तापमान बढ़ाने के लिए।

अविश्वास प्रस्‍ताव की विशेष बाते

आपको बता दे कि लोकसभा में संख्या बल में कमी के बावजूद अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले विपक्ष ने स्वीकार किया कि यह प्रधानमंत्री को मणिपुर पर बोलने के लिए मजबूर करने का एक तरीका था, जो संसद के मानसून सत्र में हावी रहा है। अब इसपर आज ही बीजेपी की तरफ से विपक्ष को करारा ज़वाब मिलेगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर मणिपुर पर बहस से भागने का आरोप लगाया।अमित शाह ने कहा, “सवाल मणिपुर की स्थिति और वहां सरकार क्या कदम उठा रही है, क्या नहीं उस पर है। यहाँ मतदान के जरिए शक्ति प्रदर्शन का नहीं है। यदि आप मतदान करना चाहते हैं, तो मैं आपको इस विधेयक को मतदान के माध्यम से गिराने की चुनौती देता हूं l” साथ ही केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी बीजेपी के कुशल राजनीतिकार अमित शाह की आवाज में हुंकार भरते हुए विपक्ष को कहा की उन्हें इस अविश्वास प्रस्‍ताव को लाने पर पछतावा होगा क्योंकि ये दुनिया भारत के वर्तमान कद को देखते हुए, गलत समय और गलत तरीके से आया है।

सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बहस का जवाब देंगे l उन्होंने इससे पहले भाजपा की संसदीय दल की बैठक की अध्यक्षता की थी। विपक्ष कई बार कह चुका है कि पीएम मोदी की मणिपुर मुद्दे पर चुप्‍पी तोड़ने के लिए ही वह अविश्‍वास प्रस्‍ताव को लेकर आया है।

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