किसानों ने शंभू बॉर्डर पर बीते पांच दिनों से लगातार किसान आंदोलन जारी किया हुआ है l पंजाब के हजारों किसान अलग-अलग शहरों व गांवों से पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर आकर डट गए हैं। किसानों की केंद्र सरकार के साथ तीन दौर की वार्ता बेनतीजा रही हैं l अब रविवार को चौथे दौर की वार्ता होनी हैं जिस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। इस किसान आंदोलन के दौरान शंभू बॉर्डर पर एक अस्थायी शहर बस गया है।

शंभू बॉर्डर पर बसाया अस्थायी शहर

बता दें किसानों ने शंभू बॉर्डर पर अपना आशियाना ट्रैक्टर-ट्रालियों व खुले आसमान को बना लिया है। किसानों ने हर ट्रैक्टर ट्राली के पास गैस सिलेंडर चूल्हे के साथ राशन की भी व्यवस्था की है l शंभू बॉर्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग के पांच किलोमीटर एरिया में अस्थायी तौर पर नगर बसाया गया है। इसके साथ ही किसानों के लिए पानी के टैंकरों की व्यवस्था की गई है। इसी दौरान किसान सड़क पर ही नहाकर अपनी-अपनी ट्राली में तैयार होकर धरने में शामिल हो रहे हैं।

लगातार चल रहा हैं लंगर

बता दें कि शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लगातार बड़े स्तर पर दूध, खीर, जलेबी, पूरी छोले, पेय पदार्थ के अलावा दाल रोटी का लंगर चल रहा हैं l
इस समय किसानों का ऐसा हाल हैं कि रात को ज्यादातर किसान अपने वाहनों में सोते हैं और बाकी बिस्तर लगाकर सड़कों पर ही लेट जाते हैं। इसके लिए महिलाएं भी पूरी तरह डटी हुई हैं। वहीं किसानों का एक सिक्योरिटी विंग भी बनाया गया है जो दिन में सफाई व्यवस्था देखते हैं वहीं रात को पहरा देते हैं।

बनाए गए अस्थायी क्लीनिक

किसान आंदोलन के दौरान शंभू बार्डर पर ही अस्थायी क्लीनिक तैयार किए गए हैं l इसमें हर सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। किसी भी किसान की अगर ज्यादा तबियत खराब होती हैं तो वहां पर 10 से ज्यादा एंबुलेंस मौजूद हैं जो फौरन ही मरीज को किसी बड़े अस्पताल में उपचार के लिए ले जाती है। शंभू बार्डर पर हर तरह की सुविधा किसानों के पास उपलब्ध हैं l किसानों ने खाने पीने, रहने और उपचार को लेकर सभी व्यवस्था की हुई हैं l

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