पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत के दौरे पर आए हैं. बिलावल भुट्टो शुक्रवार (5 मई) को गोवा में चीन की अगुवाई वाले शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेंगे.इस बैठक में चीन और पाकिस्तान समेत कुल आठ देशों के विदेश मंत्री शामिल हैं. साथ ही बैठक सुबह करीब 10.15 बजे शुरू होगी. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पर इस बैठक का इस्तेमाल भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए कर सकते हैं। बिलावल भुट्टो जरदारी ऐसे समय में भारत आए हैं जब सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन सहित कई मुद्दों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है।

शंघाई कारपोरेशन आर्गेनाइजेशन की बैठक में शामिल हुए बिलावल भुट्टो।

भुट्टो SCO मंच से कश्मीर का मुद्दा उठा सकते हैं. इसके अलावा भुट्टो कर्नाटक में कांग्रेस के मेनिफेस्टो में बजरंग दल को बैन करने के मुद्दे का भी जिक्र कर सकते हैं. विदेश मंत्रियों की बैठक का एजेंडा जुलाई में होने वाली शिखर वार्ता के लिए जमीन तैयार करना है,लेकिन पाकिस्तान यहां भी अपना एजेंडा लेकर आया है. बिलावल का बतौर विदेश मंत्री यह पहला भारत दौरा है. बिलावल 12 साल बाद भारत आने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं. बिलावल इससे पहले भी भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं. SCO बैठक के लिए भारत आने से पहले भी भुट्टो ऐलान कर चुके हैं वो संबंध सुधारने के लिए भारत नहीं जा रहे है.

भारत ने तंज कस्ते हुए पाकिस्तान से किये विवाद।

भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शुक्रवार को पणजी में विदेश मंत्रियों की SCO परिषद की बैठक को संबोधित किया. SCO समिट में एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया. उन्होंने पाकिस्तान, चीन समेत सभी SCO सदस्य देशों के सामने साफ कर दिया कि भारत सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा मुद्दा उठाया. उन्होंने पाकिस्तान, चीन समेत सभी SCO सदस्य देशों के सामने साफ कर दिया कि भारत सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा, हम सबको मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा. आतंकवाद को अभी भी हराया नहीं जा सका. आतंकवाद से मुकाबला हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।

12 साल बाद भारत दौरे पर पाक विदेश मंत्री।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए गोवा पहुंचे हैं.पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री की 12 साल में यह पहली यात्रा है. इससे पहले हिना रब्बानी जुलाई 2011 में शांतिवार्ता के लिए भारत दौरे पर आई थीं. अपनी यात्रा से पहले बिलावल भुट्टो ने एक वीडियो जारी किया. इसमें उन्होंने कहा था कि मेरा भारत जाना यह पैगाम देता है कि पाकिस्तान एससीओ को कितनी अहमियत देता है।

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