देश के नए संसद भवन का निर्माण हो चुका हैँ l लोकतंत्र का संसद भवन देखने में बहुत भव्य और सुन्दर है l बता दें कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करने जा रहे हैं l नए संसद भवन की आकर्षक तस्वीरें भी सामने आई हैं l यह देखने में एक भव्य मंदिर जैसा सुन्दर है l लोकतंत्र का यह संसद भवन मंदिर लोगो का दिल जीत बैठा है l हर तरफ इसकी खूबसूरती की चर्चाएं हो रही है l तो आइए आपको बताते है इस नए संसद भवन की खूबसूरती का राज l

नया लोकतंत्र संसद भवन :-

आपको बता दें कि देश का नया संसद भवन बन कर तैयार हो गया है l इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करेंगे l इस संसद भवन का त्रिकोण आकार में निर्माण किया गया है l इसकी दिव्यता-भव्यता ने लोगों का दिल जीत लिया है l बता दें सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत इस नए संसद भवन का निर्माण कराया गया है l दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में नई संसद की नीव रखी थी l टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा नए संसद भवन का निर्माण किया गया है l

इस बिल्डिंग को चर्चित आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया है l बिमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद शहर से संबंध रखते हैं l वो इससे पहले भी कई मशहूर इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं l इस भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल बनाया गया है l नए संसद भवन में संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी है l

परियोजना को पूरा करने की समय सीमा नवंबर, 2022 रखी गई थी लेकिन ये अब बनकर तैयार हुआ है l अगर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है तो एक समय में इसमें 1,280 सांसद बैठ सकेंगे l मौजूदा संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 240 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है l मौजूदा संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था l नए संसद भवन के तीन मेन गेट हैं. ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्मा द्वार. वीआईपी, सांसदों और विजिटर्स की एंट्री अलग-अलग गेट से होगी नए संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है l

नए संसद भवन की निर्माण सामग्री :-

बता दें कि संसद भवन के निर्माण के लिए सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाकर लगाई गई है l लाल और सफ़ेद रंग के बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है l वहीं उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से कालीन मंगवाए गए हैं l बांस की लकड़ी पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा के अगरतला से मंगाई गई है जिससे संसद का फर्श बना है l स्टोन जाली वर्क्स राजनगर, राजस्थान और नोएडा से मंगवाए गए हैं और अशोक के प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान की राजधानी जयपुर से मंगवाया गया है l नए संसद भवन के निर्माण में बारीक पत्थर का भी काम किया गया है l

बता दें कि पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर से लाया गया है l कुल पत्थर कोटपूतली राजस्थान से ही मंगवाया गया है l एम-सैंड को चकरी दादरी, हरियाणा से और फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था l ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से मंगवाए गए थे, जबकि एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव मंगाई गई थी l मध्य प्रदेश के इंदौर से अशोक चक्र लाया गया था l वहीँ मुंबई से कुछ फर्नीचर मंगाए गए l लाखा जैसलमेर से मंगवाया गया l अंबाजी सफेद संगमरमर राजस्थान के अंबाजी से मंगवाकर लगाया गया है और केशरिया ग्रीन स्टोन उदयपुर से मंगवाया गया l

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