अतीक अहमद…। माफियागिरी का ऐसा नाम, जिसके आतंक की वजह से उत्तर प्रदेश का एक हिस्सा दो दशक तक कांपता रहा। उसके गुर्गों ने बंदूक के दम पर दहशत फैलाई और उसकी मौत भी गोली से ही हुई। अतीक अहमद साबरमती जेल में बंद था। उसे अदालत में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया जाता था। दो दिन पहले ही अतीक के बेटे असद का झांसी में एनकाउंटर हुआ था। अंदरखाने यह चर्चा थी कि कहीं अतीक अहमद का भी इसी तरह एनकाउंटर तो नहीं हो जाएगा? हालांकि, शनिवार को जो हुआ, उससे सभी स्तब्ध रह गए।

दोनों धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे
दरअसल, अतीक और उसका भाई अशरफ प्रयागराज में थे। उन्हें मेडिकल जांच के लिए पुलिस कॉल्विन अस्पताल ले जा रही थी। जो वीडियो सामने आए, उसके मुताबिक, रात 10 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 50 मिनट का वक्त था। दोनों पुलिस सुरक्षा में चल रहे थे। आगे चार पुलिसकर्मी अत्याधुनिक राइफल के साथ थे। मीडिया के कई माइक दोनों के आगे लगे हुए थे। दोनों एक ही हथकड़ी से बंधे हुए थे। अशरफ दाईं तरफ था। काली टीशर्ट पहनी हुई थी। सिर पर इलाहाबादी गमछा बंधा था। बाईं तरफ अतीक अहमद था। उसने सफेद कुर्ता पहना हुआ था और हमेशा की तरफ सफेद गमछा बांध रखा था। 

10 सेकंड, 15 से ज्यादा गोलियां
इसके बाद अतीक के दाईं तरफ खड़े अशरफ ने कहा- मेन बात यह है कि गुड्डू मुस्लिम….। अशरफ के इतना कहते ही अतीक की बाईं तरफ से पिस्तौल उसकी कनपटी पर आती है और गोली चल जाती है। अतीक तुरंत जमीन पर गिर जाता है। अतीक को गिरता देख अशरफ थोड़ा झुकता है, दूसरी गोली उसके भी सिर पर लगती है। इसके बाद तीन हमलावर दोनों पर और गोलियां चलाते हैं। 

जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें 10 सेकंड के अंदर 15 से ज्यादा गोलियां चलने की आवाज आती है। दोनों की मौके पर ही मौत हो जाती है। तीन हमलावरों पर पुलिस काबू पाने की कोशिश करती है। इन हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी, सन्नी और अरुण मौर्य के रूप में हुई है। दो को पुलिस पकड़ लेती है। एक हमलावर जमीन पर लेट जाता है और नारे लगाने लग जाता है।

बाद में दोनों को आनन-फानन स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गौरतलब है कि उमेश पाल अपहरण कांड में एमपीएमएलए अदालत ने अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक अहमद पर सौ से अधिक मुकदमे चल रहे हैं।

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