अनमोल सेवा समिति द्वारा वाराणसी में 3 दिसंबर को ए आर के फाउंडेशन के सहयोग से वार्षिकोत्सव मैं जिंदा शहर बनारस हूं , द इंडियन रियल हीरोज अवार्ड का आयोजन संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल बनारस में किया गया। इस कार्यक्रम में बनारस की पुरातन सनातन संस्कृति कल्चर और भावनाओं को उकेरा गया। कलाकारों के माध्यम से कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदर्शित किए गए,हनुमान चालीसा संत अतुलानंद स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया।और गंगा आरती विजय तिवारी की टीम द्वारा प्रस्तुत की गई।विधा पटेल , जैंसी ,नेंसी एवम टीम द्वारा रोल बॉल स्केटिंग प्रस्तुति की गई।इस कार्यक्रम में देश और समाज के लिए काम करने वाले 51 समाजसेवियों को सम्मानित किया गया, जो अलग-अलग क्षेत्र में समाज के लिए सुधार के लिए कार्य कर रहे हैं ।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राव आईएएस वाराणसी के डायरेक्टर श्री अजीत प्रकाश श्रीवास्तव जी, संत ,एवम समाजसेवी राहुल सिंह जी शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में लैंप लाइटिंग गेस्ट के तौर पर टीवी एक्ट्रेस ,डिजाइनर श्वेता ओझा, कुंवर शुभम सिंह,पीसीएस आदर्श कुमार सम्मिलित हुए।इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर लोकप्रिय युवा नेता अतुल सिंह,सोनभद्र जेल प्रभारी सौरभ श्रीवास्तव ,जेलर सुरजीत सिंह , मोहित बजाज ,प्रवीण वर्मा डॉ प्रदीप सिंह , नीलम सिंह,वन्दना सिंह,नीलू राय ,डॉक्टर दिव्यांशु मुख्य रूप से शामिल रहे।खास मेहमानों में अल्ट्राटेक सीमेंट से पंकज पोद्दार,राजलक्ष्मी राय ,,एडवोकेट बलवंत सिंह,अध्यापक शरद सिंह, चाणक्य देव,राम आसरे प्रजापति, डॉक्टर शंकर कुंवर मिश्रा, शामिल हुए कार्यक्रम में डॉक्टर सियारह विख्यात फैशन डिजाइनर,मॉडल ब्रांड एंबेसडर HWPL साउथ कोरिया ,सेलिब्रिटी गेस्ट के तौर पर शामिल हुई।
कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए नीलिमा ठाकुर, डॉ सुनीता तिवारी की अहम भूमिका रही,कार्यक्रम में मंच संचालन भी उन के द्वारा किया गया। प्रगन्या तिवारी को ऐ आर के फाउंडेशन का सांस्कृतिक ब्रांड एंबेसडर बनाया गया।कार्यक्रम के आयोजन एवं अनमोल सेवा समिति के फाउंडर श्री अरविंद अग्रवाल जी का मानना है समाज में ऐसे कार्यक्रमों की नितांत आवश्यकता है। जो अपनी जमीन से जुड़ी चीजों को आज की पीढ़ी में रूपांतरित करें। समाज के लिए कार्य करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करें ताकि भविष्य में ऐसे प्रोत्साहन पाकर अन्य लोग भी जनसेवा में अपना योगदान दें ,और आने वाली पीढियां को अपने सांस्कृतिक धरोहर , मूल्य और विरासत का भान हो।