पूरी दुनिया में ईद का त्यौहार बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है ,22 अप्रैल याने की आज के दिन भारत में ईद -उल -फितर मनाई जायगी। रमजान के बाद सव्वल की पहली तारिक को ईद मनाई जाती है। इस दिन लोग सभी सुख समृद्धि की दुआ करते है ,यह त्यौहार मुसलमनो के लिए बहुत बड़ा त्यौहार माना जाता है ,यह त्यौहार रमजान के महीने के ख़तम होने के बाद मनाया जाता है ,इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार सव्वल की पहली तारिक को ईद मनाई जाती है ,यह त्यौहार सुबह की नमाज़ से शुरू होता है।
रमजान की शुरुवात शुक्रवार ,24 मार्च हुई थी।इसलिए ईद उल फितर 22 अप्रैल, शनिवार यानी आज मनाई जा रही है. इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, रमजान के दौरान पाक मन से रोजे रखने वालों और नमाज अदा करने वालो के अल्लाह सभी गुनाह माफ़ कर देता हिअ।

ईद उल फितर का महत्व

इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी. मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ. माना जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी. इस जीत की खुशी में उन्होंने सबका मुंह मीठा करवाया गया थाइसी दिन को मीठी ईदी या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है।

क्यों मनाई जाती है ईद

इस्लाम धर्म के अनुयायी कहते हैं कि रमजान के पाक महीने में सच्चे मन से रोजे रखने वालों पर अल्लाह मेहरबान रहते हैं. रोजे रखने का अवसर और शक्ति देने के लिए वे अल्लाह का शुक्रिया अदा भी करते हैं. वे सुबह उठकर पहले एक खास नमाज अदा करते हैं और फिर दोस्तों रिश्तेदारों को ईद की बधाई देते हैं. अल्लाह की इसबख्शीश को ईद-उल-फितर के नाम से पुकारा जाता है. भारत ही नहीं पूरे विश्व में इस त्योहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन मीठे पकवान जैसे कि सेंवई, मिठाई जैसे पकवान बनते हैं. मीठी सेंवई घर आए मेहमानों को खिलाई जाती है. दोस्तों और रिश्तेदारों में ईदी बांटी जाती हैलोग एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं. ईद उल फितर को दान का पर्व भी कहा जाता है. 

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