हाल ही में एक ऐसा वीडियो सामने आया हैं जिसे देख आपका दिल कांप उठेगा और आप आपकी रूह वो मंजर देख थोड़ी देर के लिए तड़प उठेगी l जी हां, औरैया जिले में बिधूना CHC में एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं जहां एक बेबस और लाचार भाई रोते हुए अपनी मृतक बहन को बाइक से पीठ पर बांधकर घर ले जाते हुए नजर आ रहा हैं l यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा हैं l सोशल मीडिया द्वारा यह दृश्य सामने आने के बाद शासन सत्ता से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक सतर्क दिखाई देने के प्रयास में जुटा है। परन्तु असलियत में व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास होना चाहिए।

बिधूना में जब एक लाचार भाई बहन के शव को पीठ पर बांधकर CHC से अपने घर वापस ले जा रहा था तब उसे कोई भी सरकारी व्यवस्था नहीं मिली l उसे एम्बुलेंस की बजाय अपनी बहन के मृत शव को बाइक से घर ले जाना पड़ा l जिसके बाद तेजी से यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया l इस वीडियो को लेकर बुधवार को पूरे दिन ट्वीट वार सिलसिला चलता रहा। विपक्ष ने जहां बदहाल तस्वीर के जरिए सत्ता को घेरा, वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

जानें क्या था मामला?

बता दें कि घटना जिले के बाबूराम मोहनलाल महाविद्यालय के पास स्थित नवीन बस्ती पश्चिम की है। जहां के निवासी प्रबल प्रताप सिंह की बेटी अंजलि (20) नहाने के लिए पानी गर्म करने के लिए कमरे में गई। उसने बाल्टी में पानी भरकर रोड लगाई थी। इसी दौरान अचानक वह करंट की चपेट में आ गई और बेहोश होकर वहीं गिर गई। जब अंजलि के परिजनों ने उसे जमीन पर गिरा हुआ देखा तो उसी वक्त उसको लेकर बिधनू में CHC पहुंचे।

अस्पताल में डाक्टरों ने अंजलि को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अंजलि के घरवालों ने शव को बिना पोस्टमार्टम के घर ले जाने की बात कहकर अस्पताल से बाहर निकल आए। CHC के बाहर अंजलि का भाई आयुष बाइक पर बैठा और उसकी दूसरी बहन पीछे बैठ गई। फिर उनके पिता ने बीच में अंजलि की लाश रख दी। इसके बाद आयुष दुपट्टे से अंजलि के शव को पीठ पर बांध लिया। काफी समय तक अस्पताल के बाहर ये सब चलता रहा और सीएमसी का स्टाफ वहां खड़ा तमासगीर बने रहे।

योगी सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं का निकला जनाजा

बुधवार की सुबह समाजवादी पार्टी के संरक्षक अखिलेश यादव ने बाइक सवार युवक, मृतक बहन के साथ दूसरी बहन की फोटो को ट्वीट किया। वहीँ दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के आधिकारिक एक्स (ट्वीटर हैंडल) से फोटो के अलावा प्रतिक्रिया भी पोस्ट की गई जिसमे लिखा गया कि योगी सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं का निकला जनाजा, बहन के शव को बाइक से घर ले गया भाई।

डॉक्टरों को तत्काल हटाया गया

सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जब यह मंजर लोगो के सामने आया तब इस घटना को दुखद एवं इंसानियत को शर्मसार करने वाला बताया गया। वहीं भाजपा सरकार के विकास के दावों की आलोचना करते हुए लिखा गया कि स्वास्थ्य विभाग एक एम्बुलेंस का इंतजाम न कर सका। इन ट्वीट को देखने के बाद मामला बिगड़ता देख डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का ट्वीट आया जिसमे उन्होंने लिखा कि CHC अधीक्षक व प्रकरण में संबंधित डॉक्टरों को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए तत्काल हटाया जाए।

वहीं दूसरी तरफ दूसरे ट्वीट में CHC व PHC में एम्बुलेंस सुविधा सुनिश्चित करने के लिए CMO को कहा गया। बुधवार को इस पूरे मुद्दे को लेकर पूरे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे नजर आए। कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं सभी बताने से किनारा करते नजर आए l जिसके बाद पूरा माहौल गर्मा गया l

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई बार पहले भी ऐसे ही बदहाल व्यवस्था के दृश्य सामने आ चुके है। वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान 16 मई को चिरूहली समीप हाईवे पर सुबह-सुबह ट्राला व डीसीएम की भिड़ंत में 26 लोगों की जान चली गई थी। इतने बड़े हादसे के बाद सरकारी व्यवस्था का अमानवीय व गैर जिम्मेदार दृश्य सामने आया था। इस भयंकर हादसे में छत्तीसगढ़, झारखंड व बिहार के कई लोगों की जान चली गई थी। जिनके शवों को घर भेजने के लिए आनन-फानन व्यवस्था की गई। इस दौरान डीसीएम में शवों के साथ जिंदा लोगों को भी भेज दिया था। बिधूना के इस मामले ने तीन साल बाद फिर से उस मंजर को सामने लाकर खड़ा कर दिया।

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