बिहार विधानसभा के मॉन सत्र सूत्र की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से आपा खो बैठे। खुद को महिला उत्थान का मसीहा बताने वाले मुख्यमंत्री आरजेडी की महिला विधायक रेखा देवी को ‘महिला हो कुछ जानती नहीं हो’ जैसे शब्दों से संबोधित किया। इतना ही नहीं वह आरक्षद की बात के छिड़ते ही अपनई जुबां से नियंत्रण खो बैठे ,और फिर कुछ ऐसा बोल पड़े…

क्या था असली मुद्दा?

दरअसल मानसून सत्र का लोकसभा सेशन फिलहाल पुरे होश और आवाज़ में चल रहा है. इसी बीच आरक्षण का मुद्दा भी उठाया गया जहा बिहार को 50% प्रतिशत से बढ़ा कर 65 % करने की बात कही गयी जिसके कारण लोक सभा में एक नयी बेहेस छिड़ गई उसी बेहेस के बीच विपक्ष विधायक, रेखा देवी ने इस प्रपोजल को रिजेक्ट किया ,तभी गुस्से में नितीश कुमार उन्हें उल्टा जवाब कुछ इस प्रकार दिए…
“अरे तुम महिला हो ,कुछ भी नहीं जानती…यही नहीं उसके बाद वो बोलते है की 2005 के बाद हमने ही औरतो की व्यवस्था सुधरी है,चुप चाप हमको सुनो” इस व्याख्या ने आम जनता स्पेशली फेमिनिस्ट्स को निराश कर दिया है. इस से जाहिर हुआ क्या प्रकाशित करना चाहते है की उनकी सेक्सिस्ट सोच आज भी उतनी ही ज़िंदा है? या फिर वो मॉडर्न सोच का दिखावा करके वोट बटोरते है। .. एक बार पहले भी 2023 में नितीश कुमार ने कहा था, “महिलाओं की शिक्षा के कारण राज्य में जन्म दर 4.3% से घटकर 2.9% हो गई है। एक शिक्षित महिला यह सुनिश्चित करने में सक्षम है कि सेक्स अनिवार्य रूप से गर्भावस्था में समाप्त न हो, जिससे जनसंख्या को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।”जिसके बाद उन्हें काफी मुसीबतो का सामना भी करना पड़ा…

2021 में भी उठा था एक मुद्दा?

नवंबर 2021 में, बांका जिले के कटोरिया निर्वाचन क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट) से एक महिला भाजपा विधायक निक्की हेम्ब्रोम ने आरोप लगाया था कि नितीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी कानूनों के प्रभावी उपयोग पर विचार करने के लिए बुलाई गई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) विधायकों की बैठक में उनके खिलाफ “अभद्र” भाषा का इस्तेमाल किया था। बैठक में, बिहार के सीएम ने कथित तौर पर महिला भाजपा विधायक से कहा था, “आप बहुत अच्छी दिखती हैं, लेकिन आपके विचार बिल्कुल विपरीत हैं।”

सवाल ये उठता है कि,क्या सच में हमारे नेशन डेवलपिंग लीडर्स इस छोटी सोच के अभी तक शिकार बने हुए है?

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