देश में हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत लागू किए गए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ सभी ट्रक चालक विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं l लेकिन ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल मंगलवार की शाम वापस ले ली गई।

क्या हैं हिट एंड रन कानून?

आपको बता दें कि हिट एंड रन यह कानून जो भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लेता है, ऐसे चालकों पर भारी जुर्माना और यहां तक कि जेल की सजा भी आकर्षित करेगा, जो दुर्घटनास्थल से भाग जाते हैं और घायल की मदद किए बिना पुलिस को सूचित नहीं करते हैं। इसी बीच इस नए प्रावधानों को सख्त बताते हुए कई राज्यों में हजारों ट्रक चालक वीकेंड में विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं l जानकारी के लिए आपको बताते चले कि हिट एंड रन मामलों को सड़क दुर्घटनाओं के रूप में पहचाना जाता हैं l इसमें एक ड्राइवर किसी वाहन या मनुष्य को टक्कर मारने के बाद वहां से भाग जाता है, बिना पीड़ित की मदद के रुकने और पुलिस को घटना की सूचना दिए। आपको जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले हिट एंड रन कानून के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत दो साल तक की जेल की सजा थी। आरोपी ऐसे मामले में अक्सर जमानत के साथ छूट जाता था। अब इस तरह के मामलों की संख्या को कम करने के लिए कानून सख्त होगा।

ट्रक ड्राइवर के लिए क्यों हैं हिट एंड रन कानून सख्त?

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के मुताबिक, हर साल पूरे भारत में लगभग 50,000 लोग हिट एंड रन मामलों में अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं l अक्सर देखा जाता हैं कि पीड़ितों की मदद के अभाव में ही उनकी मृत्यु हो जाती है। राज्यों में अच्छे नागरिकों को पुलिस अधिकारी द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा हैं जो कि ऐसे मामलों की रिपोर्ट करते हैं, जिससे पीड़ितों की जान बचाने में मदद मिली है। समय रहते पुलिस को सूचित करने से पीड़ित लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में मदद मिलती है। अब लोगों को एक आशा हैं कि नया कानून और इसके सख्त प्रावधान हिट एंड रन मामलों में सख्ती से एक्शन लेगा l वहीँ दूसरी तरफ उस केवल उस आरोपी को नरमी दिखाई जाएगी जो पीड़ितों को अस्पताल ले जाकर उनकी देखभाल करेंगे।

नए कानून पर ट्रक वाले क्यों कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन

जानकारी के लिए आपको बता दें कि ट्रक ड्राइवर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों में नए हिट एंड रन नियम का विरोध कर रहे हैं। बस, टैक्सी और ऑटो चालकों का भी ट्रक चालकों को समर्थन हासिल है। विरोध प्रदर्शन कर रहे ड्राइवरों का तर्क है कि अगर वे ऐसे हादसों के बाद रुकेंगे तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है। उनका कहना हैं कि अक्सर सड़क दुर्घटना होने पर मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है और ड्राइवर पर हमला कर देती है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version