फिल्म चिड़ियाखाना सफलता पूर्वक दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुकी है। फ़िल्म 2 जून को भारत भर के सिनेमा घरों में रिलीज़ हुई थी। चिड़ियाखाना कई शहरों में दर्शकों का प्यार बटोरने में दूसरे हफ़्ते भी सफल है। ख़ास कर मुंबई, दिल्ली, पटना और मुजफ्फरपुर जैसे सिनेमाघरों में दर्शकों का उत्साह लगातार बना हुआ है। पटना और मुज़फ़्फ़रपुर कई दिनों से हाउसफ़ुल जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि शैक्षणिक और सामाजिक संस्थाओं का रुझान काफ़ी उत्साहजनक है। युवाओं और खिलाड़ियों में चिड़ियाखाना की ख़ूब चर्चा है।

लोग फ़िल्म विरतरक और सिनेमा हॉल प्रबंधन से माँग कर रहे हैं कि चिड़ियाखाना देखने वालों की क़तारें अभी लम्बी है। उसे दर्शकों के बीच बने रहना ज़रूरी है। जहाँ! बड़ी फिल्मों के लिए भी पूरे सप्ताह सिनेमाघरों में टिकना मुश्किल है, चिड़ियाखाना दूसरे सप्ताह में भी अपनी सफलता से ज़रूर चौंकती है।

विशेष कर युवा जत्था और फुटबॉल खिलाड़ीयों में चिडियाखाना ख़ास पसंद किया जा रहा है। निर्देशक मनीष तिवारी कहते हैं कि हमारे लिए सुखद है कि कई समीक्षकों ने चिड़ियाखाना को बहुत ख़राब रेटिंग दिया लेकिन दर्शकों से हमें फ़ुल मार्क्स मिल रहे हैं। हमें ख़ुशी है कि चिड़ियाखाना हमने जिन दर्शकों के लिए बनाया। उन्हें बेहद पसंद आ रहा है। श्री तिवारी आगे यह भी कहते हैं कि हम आभार व्यक्त करना चाहते हैं अपनेनिर्माता एनएफडीसी का, जिसके अधिकारियों ने लगातार हमारे साथ समर्थन बनाए रखा है। उससे हमारा मनोबल मज़बूत हुआ है। उम्मीद है चिड़ियाखाना को लेकर हम आगे भी बेहतर करेंगे। हमारा टैग लाइन है- ले बलइया, मारा साला गोल। हम आगे भी यूँ ही गोल मारते रहेंगे।

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