फिल्मों की कहानियों में अब ट्रांसजेंडर्स को भी काफी अहमियत मिलने लगी है। 21वीं सदी के भारत में ट्रांसजेंडर्स भी अब कहानियों में सेक्स सिंबल और प्रताड़ित व्यक्तित्व की तरह पेश नहीं किए जाते। उन्हें भी अब एहमियत बराबर मिलती है। कई सुपरहिट वेबसीरीज में अब ट्रांसजेंडर्स अहम किरदारों में नजर आते हैं।

सुपरहिट सीरीज में छा गया थर्ड जेंडर का जादू

बता दें 20वीं सदी के मध्य में 1950-60 के दरमियान तीसरे जेंडर को आधिकारिक पहचान दी गई है। जानकारी के लिए बता दें मानव सभ्यता के लंबे विकास के दौरान भी ट्रांसजेंडर्स रहे हैं। लेकिन उस समय कभी भी इन्हें विशेष पहचान नहीं मिल पाई थी। अब 20वीं सदी के विकसित मानव ने थर्डजेंडर्स के लिए भी कई ठोस कदम उठाए। अब महज 50 से 70 साल में थर्डजेंडर्स ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. समाज बदला और लोगों ने सकारात्मक अप्रोच को अपनाया आज थर्डजेंडर्स के लिए तमाम सुविधाओं का प्रावधान सरकारों ने भी किये हैं। लेकिन अब थर्डजेंडर्स कहानियों का हिस्सा भी बनने लगे हैं और वेबसीरीज में भी थर्ड जेंडर का जादू बराबर है। ट्रांसजेंडर्स के पास लेयर्ड किरदारों को पर्दे पर उकेरने की भी जमीनी तैयारी की जा रही है।

वेबसीरीज में अब ट्रांसजेंडर्स अहम किरदारों में नजर आते हैं

बता दें कि 90 के दशक में थर्डजेंडर्स को फिल्मों में अलग तरीके से पेश किया जाता था। उन्हे NO IMPORTANCE वाले रोल दिए जाते थे लेकिन अब यही थर्डजेंडर्स ओटीटी के कई सीरीज में टर्निंग प्वाइंट साबित हो रहे हैं। जी हां हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई सुपरहिट वेबसीरीज ‘गन्स एंड गुलाब्स’ में कहानी का अहम किरदार अंत में सभी को अपने जेंडर का खुलासा कर चौंका देता है और कहानी को दिलच्सप बनाती है। सुष्मिता सेन स्टारर सीरीज ‘ताली’ पूरी एक ट्रांसजेंडर की कहानी पर आधारित है। बता दें गौरी सावंत नाम की असल ट्रांसजेंडर की कहानी सीरीज में लोगों का दिल दहला देती है। अब ट्रांसजेंडर्स को केवल सेक्स सिंबल और प्रताड़ित व्यक्ति के तौर पर नहीं दिखाया जाता है। अब 21वीं सदी में ट्रांसजेंडर्स के लिए समय बदल रहा है आगे उम्मीद है कि और बदलेगी।

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