30 मार्च राम नवमी के समारोह में पश्चिम बंगाल के हावड़ा में जुलूस के दौरान हिंसा हुई। लगातार दो दिन हुई हिंसा के बाद से लोगों में डर का माहौल इतना बन चूका है कि कहीं फिर पत्थरबाजी शुरू न हो जाए। इसी डर से लोगे ने अपने घरो से बाहर निकलना बंद कर दिया है l पहले की तरह शिबपुर का बाजार खुल चुका है, लेकिन रोज की तरह मार्केट में भीड़ नहीं है। हिंसा के बाद अब उस जगह पर पुलिस ड्रोन से चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए है। CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। साथ ही लोगो से पूछताछ की जा रही है। शनिवार-रविवार को हावड़ा में आने वाले शिबपुर में लोग डरे हुए नजर आए। स्थानीय लोगों से बात की गयी , तो दोनों पक्षों ने अलग दावे किए। हिंदू कहते हैं कि जिन घरों में मुस्लिम रहते हैं, वहां से पत्थरबाजी शुरू हुई। वहीं मुस्लिमों का कहना है कि जुलूस में हजारों की भीड़ हमारे एरिया में घुसी और वो लोग हाथों में हथियार लहरा रहे थे। वो लोग हमारी कम्युनिटी के खिलाफ नारे लगा रहे थे। साथ ही उन्होंने डीजे पर भी ऐसे ही गाने बज रहे थे l इसके चलते ही माहौल खराब हो गया और हिंसा शुरू हो गई। इस जुलुस में तीन पुलिसवालों समेत करीब 15 लोग घायल हुए। 10 से ज्यादा वाहनों को जला दिया गया। 20 से ज्यादा दुकानों में तोड़फोड़ की गई। हावड़ा के पुलिस कमिश्नर प्रवीण त्रिपाठी के मुताबिक, हिंसा में 2 केस दर्ज कर 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है। एरिया वाइज पुलिस पेट्रोलिंग और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। सरकार ने CID को जांच का जिम्मा सौंपा है। वहां पर मौजूद सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि इस हिंसा के पीछे गुड्‌डू शेख नाम का शख्स है। पहले रैली में शामिल लोगों ने पथराव किया था। बताया गया है कि इस एरिया में हर कोई जानता है कि गुड्‌डू शेख ने इसका बदला लेने के लिए लोगों को इकट्‌ठा किया। वो यहां ऑटो यूनियन को कंट्रोल करता है। एक बड़े नेता का करीबी है। यहां पहले भी ऐसी हिंसा हो चुकी है, तो सरकार इस बार इतनी लापरवाह क्यों थी।’

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