बिग बॉस के घर के अंदर पांचवें दिन हुआ मिड वीक एलिमिनेशन और इस एलिमिनेशन में घर वालों को लेना था बड़ा फैसला दीपक चौरसिया जो कि नीरज और शिवानी दोनों के करीब थे उनके लिए यह फैसला लेना बहुत मुश्किल था लेकिन फिर भी दीपक को यह फैसला लेना पड़ा और दीपक के इस फैसले को सुनने के बाद शिवानी फूट फूट कर रोई…आपको बता दे जहां एक और नीरज दीपक का दिन रात ख्याल रखता था तो वहीं दूसरी ओर शिवानी दीपक को अपना बड़ा भाई मानती थी और दीपक के लिए सबसे बड़ी दिक्कत थी कि उनको इन दोनों में से किसी एक को चुनना था लेकिन दीपक ने यह कहा कि भाई एक बार को फिर भी समझ जाएगा लेकिन मैं बहन को धोखा नहीं दे सकता और इसीलिए मुझे लगता है कि मैं अपना वोट शिवानी को दूंगा..मैं शिवानी को एलिमिनेट नहीं होने दूंगा और यह सुनते ही शिवानी फूट फूट कर रोने लगी.. घर में अब शिवानी सबसे ज्यादा इज्जत अगर किसी की दिल से करती है तो वह दीपक चौरसिया है l

एक दिन पहले दीपक से लड़ने वाला अरमान भी दीपक को अब अपने दिल की बातें बताने लगा है बता दे आपको की अरमान ने बीते दिन दीपक को अपने परिवार के बारे में.. अपनी जर्नी के बारे में बताया कि कैसे 30000 रुपए न होने की वजह से उसकी मां की मौत हो गई थी उसका जीजा मां को अस्पताल ले गया था और उसकी मां को ब्रेस्ट कैंसर था और जिस ब्रेस्ट में ट्रीटमेंट की जरूरत थी वहां पर ट्रीटमेंट ना करके डॉक्टर ने दूसरी ब्रेस्ट में ट्रीटमेंट कर दिया और अरमान ने पैसों की वजह से अपनी मां को खो दिया… ऐसे में दीपक ने अरमान को संभाला क्योंकि अरमान काफी ज्यादा इमोशनल हो रहा था ..वह अरमान जो अभी तक दीपक को अपना कंपीटीटर मान रहा था और उससे लड़ाई कर रहा था वही अरमान दीपक के लिए यह कहता हुआ नजर आया कि इस घर में सबसे समझदार दीपक भाई है और वह बहुत सही से समझाते हैं उनसे बात करने में मजा आता है l

बिग बॉस के घर में बॉक्सर नीरज भी दीपक का कदरदान बना चुका है वह दीपक को अपना सारथी मानता है और दीपक से यह पूछता हुआ नजर आया घर के अंदर की आप मुझे बताइए कि इस घर में किसको सही माने और किसको गलत और ऐसे में दीपक ने बहुत ही बैलेंस जवाब देते हुए यह कहा कि नीरज इस घर में दिल से सोचो और सच का साथ दो क्योंकि अंत में जीत सच की ही होती है मैंने भी जिंदगी में हमेशा सच का साथ दिया है मुझे लोगों ने कई बार काफी कुछ बोला लेकिन मैंने सच का हाथ सच का दामन नहीं छोड़ा एक भी ऐसा दिन नहीं जाता जिस दिन दीपक अपने परिवार को ना याद करते हो अपनी बीवी या अपनी बेटी को याद ना करते हो और ऐसे में दीपक ने यह भी बताया कि साल 2012 के इलेक्शन के दौरान उन्होंने 80 दिन में 80 शहरों को कवर किया था उस दौरान उनकी बेटी चलना सीख रही थी और जब वह घर पहुंचे तो वह चलना सीख चुकी थी लेकिन जब वह घर पहुंचे तो उनकी बेटी उनको पहचान ही नहीं पा रही थी उन्होंने बताया कि उनका काम आसान नहीं है रात को 1 बज जाते हैं घर पहुंचते पहुंचते और ऐसे में परिवार को वक्त देना मुश्किल होता है लेकिन अब लड़कियां बड़ी हो चुकी है और वह सबसे ज्यादा करीब अगर किसी के हैं तो वह उनके प्यारे पापा है l

दीपक को घर में अक्सर उनकी पैर की दिक्कत की वजह से निशाने पर घर वालों ने रखा लेकिन ऐसे में बिग बॉस ने भी करारा जवाब देते हुए घर वालों को यह बोल दिया है कि अगर हमको लगता की दीपक इस शो के लायक नहीं है तो हम खुद ही उनको नहीं बुलाते आपको हमें बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह शो दम का नहीं दिमाग का है और दोस्तों यह बात तो माननी पड़ेगी कि दीपक चौरसिया में दिमाग तो कमाल का है l

घर के अंदर पांचवें दिन pet केयर का टास्क भी हुआ था इस टास्क को बहुत ही बखूबी से दीपक चौरसिया ने किया pet को संभालते हुए जमकर चुगली भी की लेकिन वही रात को वह यह भी कहते हुए नजर आए कि वह कितने निडर हैं उन्होंने बताया कि अब जब मैं बाहर जाऊंगा तो जो लोग मुझे नापसंद करते हैं जो लोग मुझे ट्रोल करते हैं वह मेरी तस्वीर कुत्ते बिल्लियों के साथ लगाते हुए मेरा मजाक उड़ाएंगे लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता जिंदगी में ऐसे दौर हमने बहुत देखे हैं और अब मुझे ट्रोलर्स को जवाब देना आता है और उनके लिए सबसे अच्छा जवाब यही है कि उनको इग्नोर करो

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