रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भी अब तैयारियां बड़े स्तर पर शुरू हो चुकी हैं l ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने जानकारी दी है कि मंदिर निर्माण समिति की बैठक में 15 से 24 जनवरी 2024 के बीच किसी तारीख़ पर होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर भी चर्चा हुईl रामलाला की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर के निर्माण के लिए काशी और महाराष्ट्र के वैदिक आचार्य रामकोट क्षेत्र में अलग अलग अनुष्ठान कर रहे हैंl बता दे कि राम लाला को लाने की तैयारियां बेहद धूम धाम से चल रही है। मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह को निर्विघ्न सम्पन्न करने के लिए वैदिक अनुष्ठान भी किए जा रहे हैंl

ओडिशा से लाये गए कलाकार

बता दे कि श्रद्धालु किसी भी मार्ग से आये उन्हें पहले राम पथ की ओर से ही आना होगा श्री राम जन्म भूमि का आधार बनेगा राम पथ। राम पथ से मंदिर तक जाने के लिए तीन अन्य मार्ग बनाए गए हैं, मतलब भक्तो को अपने लाला से मिलाने के लिए 3 मार्गो से जा सकते है। जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और सुग्रीव पथ. ये वही तीन रस्ते है, जिसके दवरा भक्त अपने राम लाला का दर्शन प् सकते ह ,इसी के साथ मालवाहक वाहनों के संचालन के लिए युसूफआरा मशीन के पास से श्री राम जन्मभूमि परिसर तक जाने के लिए भी एक नए मार्ग का निर्माण किया गया हैl इस मार्ग के पीछे मंदिर निर्माण कार्य की सामग्री लेकर आने जाने के लिए ये मार्ग तय किया गया है , ताकि किसी भी किसी तरह की परेशानी ना हो और सभी श्रद्धालु अपने राम लाला से मिल सके उनका दर्शनप्राप्त कर सके।

राम पथ होगा श्रद्धालुवो का आधार

आपको बता दे की राम लाल के मंदिर पर बहुत सारे अनोखे कला कृत किए जाएंगे साथ ही मंदिर की दीवारों और स्तम्भों की नक्काशी की जाएगी 6000 से ज़ादा देवी देवताओं की मुर्तिया उखेरी जाएगी इसके साथ ही कांस्य पट्टिका में रामकथा के प्रसंगों को जीवंत किया जाएगा। मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में यह तय किया गया। इसके साथ ही जनवरी में राम लाला की प्राण प्रतिष्टा कराई जाएगी और पुरे विधि विधान के साथ पंडो दवारा राम लाला को उनके अयोधिया के मंदिर में स्थापित किया जायेगा।अभी ग्राउंड फ्लोर पर सतम्भो पर देवी देवताओ की मुर्तिया उभारने का काम चल रहा है , मूर्तियों को उभारने का काम उड़ीसा के कलाकारों और शिलिप करो को दिया गया है। मंदिर निर्माण का काम एकदम तेजी से चल रहा है की निर्धारित समय पर राम लाला को लाया जा सके और उनकी प्राण प्रतिष्ठा सुचारु रूप से करवाया जा सके।

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