भारत में पैंतालीस साल के बाद देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पोलैंड पहुंचे इसे पहले भी कई प्रधानमन्त्री ने पोलैंड का दौरा किया जैसे जवाहरलाल नेहरू , इंदिरा गाँधी और मोरारजी देसाई जो 1955 से लेकर 1979 तक पोलैंड के दौरे पर गए थे। अब भारत से पोलैंड, और पोलैंड से यूक्रेन के दौर पर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी 23 अगस्त को इस दौरे पर जाएंगे। भारत और पोलैंड के इस दौरे में मोदी जी का ध्यान रक्षा और रणनीति की सांझेदारी पर केंदारित करेंगे।

पोलैंड जाने का कारण.

आपको बता दें की नरेन्द्र मोदी ने जाने से पहले अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्ट भी शेयर की उन्होंने उस पोस्ट में ये कहा कि ‘ मैं पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा पर जा रहा हूँ , क्यूंकि भारत और पोलैंड के संबंधो को सत्तर साल पुरे होने जा रहे है और पोलैंड हमारे देश का पिछले सत्तर सालो से आर्थिक सांझेदारी का हिसा रहा है। ‘ जी हाँ सरकारी रिपोर्ट्स सूत्रों से बता दें की पोलैंड और भारत के बीच के सम्बन्ध बहुत ही पुराने हैं दूसरे विशव युद्ध के दौरान कई पोलैंड के नागरिको जिसमे छे हज़ार से अधिक महिलायें और बच्चों की सुरक्षा के लिए और पोलैंड की मदद के लिए भारत ने हाथ बढ़ाया था। आपको बता दें पोलैंड के नागरिकों को भारत के जामनगर और खोलपुर में शरण दी गई थी नरेन्द्र मोदी अपने दौरे पर जाने से पहले जामनगर और खोलपुर की समरको पर जाएंगे क्यूंकि वह समारक उन्हें दूसरे विशव युद्ध की याद दिला देती है।

भारत और पोलैंड के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध

सूत्रों के अनुसार आपको बता दें की भारत और पोलैंड के सांस्कृतिक संबंध बहुत ही पुराने हैं। जी हाँ आपको बता दें भारत और पोलैंड के सांस्कृतिक संबंध 15वीं शताब्दी से लेकर 16वीं शताब्दी से देखे जा सकते हैं जब पोलैंड के व्यापारी एवं यात्री भारत के अलग अलग हिसों में आये थे। भारत और पोलैंड के आधिकारिक और कूटनीतिक संबंध 1954 हुए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच में राजनितिक संबंध और सांस्कृतिक संबंध भी बहुत ही गेहरा होता गया। वॉरसॉ विशवविद्याले और जागेलोनिय विशवविद्याले में भारत की संस्कृति के ग्रन्थ पोलैंड की भाषा में हैं और वहाँ पर संस्कृत भी पढ़ाई जाती हैं जो की पोलैंड के विद्यार्थियों को भारत के दार्शनिक्ताओं को संमझने में सहायता करता हैं। वही दूसरी तरफ व्यापार की बात करें तो भारत और पोलैंड के बीच में व्यापार में बहुत ही अच्छा और तेज़ी से बड़ रहा हैं साल 2021 से लेकर 2023 तक व्यापार में 192 % की बढ़ोतरी भी देखी जा सकती हैं। अगर हम बात करें पिछले साल के आंकड़ों की तो भारत ने पोलैंड के साथ मिलकर 5.72 अरब करोड़ की कमाई की है इसमें भारत को 3.95 अरब डॉलर मिले और पोलैंड को 1. 76 अरब डॉलर मिले। भारत पोलैंड को अलग – अलग प्रकार की चीजों मैं सहायता करता है जैसे की फार्मासूटिकल ,वस्तर , रसायन और भी कई चीज़ों की मदद करता हैं वही पोलैंड भी भारत को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण , मशीनरी और यांत्रिक औज़ारों की मदद करता हैं।

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