आज वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे मेडीटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया हैं l विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज की ओर से इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। उद्घाटन के बाद, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उस केंद्र का दौरा किया, जिसमें ध्यान के लिए एक समय में 20,000 लोग बैठ सकते हैं l यह मंदिर 64 हजार वर्गफीट में बना हुआ है। इसकी ऊंचाई 180 फीट है। सात मंजिला अधिरचना महामंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के छंद उकेरे गए हैं l विश्व के दर्जनों देशों में संत सदाफल महाराज के आश्रम हैं लेकिन यह वाराणसी का सबसे बड़ा आश्रम है। इस आश्रम के निर्माण की योजना पर लगभग 20 वर्षों से काम किया जा रहा है। हर तरफ मकराना मार्बल से बने इस मंदिर की खासियत की चर्चा चारों तरफ हो रही हैं l इसे स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना करार दिया जा रहा है। सात मंजिला यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर कहा जा रहा है।

क्या हैं इस मंदिर की खासियत?

बता दें कि वर्ष 2004 में स्वर्वेद मंदिर के निर्माण की शुरुआत हुई थी l इस मंदिर को पिछले 19 वर्षों में आकार दिया गया। सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर 68,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है और यह शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक है l इस मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के 4000 दोहे अंकित किए गए हैं। मंदिर की दीवारों पर अद्भुत नक्काशी की गई है। मंदिर सभी तलों पर अंदर की दीवार पर लगभग 4000 स्वर्वेद के दोहे लिखे हैं। बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं, ताकि लोग उससे प्रेरणा लें सकें। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां पर भगवान की नहीं, योग- साधना की पूजा होती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मंदिर के पहले चरण का लोकार्पण किया। पीएम मोदी इससे पहल मंदिर में वर्ष 2021 में भी आए थे। इसी दौरान उन्होंने इस मंदिर के लोकार्पण का निमंत्रण स्वीकार किया था। स्वर्वेद महामंदिर के लोकार्पण के साथ ही संत सदाफल महाराज की 135 फीट ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास भी पीएम ने किया।

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