ऐ धरा तू ना और आँसु बहा,
जितना सहना था ,तूने सहा।
तेरे नन्हे बच्चें रखेंगे अब तेरा ख्याल,
अब तेरी सेवा होगी ,चाहे कुछ भी हो हाल।
तेरी मिट्टी को संवारेंगे ,
नये पेड़ पौधे भी लगाएंगे

श्रीमती एकता सहगल मल्होत्रा द्वारा लिखी गई ये कविता तब चरितार्थ हुई जब 5 जून 2022 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इस धरती को हरा भरा रखने की मुहिम में महागुन मेजेरिया कैटेनिया टावर के सदस्यों ने आज मिल कर पौधे लगाए भी और आगे भी उनकी देखभाल की जिम्मेदारी लेने की शपथ खाई। गौर करने वाली बात यह है कि इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में नब्बे साल के बुजुर्ग और साढ़े पांच साल की बच्ची भी सहयोग कर रहे थे।सबसे पहला पौधा सबसे बुजुर्ग रेजिडेंट ने लगाया, और उसके बाद नन्हे बच्चों ने पौधे लगा कर सदस्यों के बीच जोश की लहर फैला दी। आज के इस आयोजन की खास बात यही थी कि हर सदस्य ने एक पौधे को गोद लेकर उसकी जिम्मेदारी उठाने का भार अपने ऊपर लिया। इस प्रकार के आयोजन की सफलता के पीछे एक सशक्त टीम का होना ज़रूरी होता है। मात्र एक विचार से शुरू कर के उसे मूर्त रूप देने के लिए हम श्रीमति ऋतु जैन, श्री राजीव जैन,श्री श्वेतांक गर्ग और श्रीमति एकता सहगल मल्होत्रा को विशेष धन्यवाद देते हैं।
हम धरती की रक्षा नहीं करते ,अपितु धरती माता हमारा भरण पोषण करती है, हमारी रक्षा करती है। आज के आयोजन ने टावर के निवासियों के बीच एक स्वस्थ रिश्ते को जन्म दिया, और धरती मां के प्रति कृतज्ञता दिखाने का मौका दिया। बच्चों को भी आज बहुत कुछ सीखने का मौका मिला।उन्होंने आज प्रण लिया कि वो खाना और पानी व्यर्थ नहीं जाने देंगे और साथ ही धरती माता और पौधों को भूखा प्यासा नहीं छोड़ेंगे।हमारे टावर के एक सदस्य श्री विनीत अग्रवाल के अनुसार हम सबको रिफ्यूज, रिड्यूस,, रियूज और रिसाइकिल इन चार बिंदुओं पर फोकस करना चाहिए जिससे धरती माता स्वस्थ, साफ और हरी भरी बनी रहे ।

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