राजस्थान के कोटा शहर में जन्मी, पली और बढ़ी इला पचौरी बचपन से ही प्रकृति, साहित्य और संगीत से जुड़ी हुई हैं। संगीत, साहित्य और प्रकृति के प्रति प्रेम इन्हें विरासत में मिला है। बचपन से ही बाल लेखन , कविता और निबंध लेखन में रुचि भी थी और इसके बाबत उन्होंने स्कूल कॉलेज में कई प्रतियोगिताएं भी जीती । स्कूल कालेज के दिनों में पत्र पत्रिकाओं में लेख, कहानी, कविताएं यदा कदा छपते रहे थे ।


वनस्पति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन ,शास्त्रीय संगीत में विभिन्न डिग्रियां ले कर विवाह के पश्चात से शौकिया लेखन करती रही हैं। कई वर्ष तक कंटेंट राइटिंग और अनुवाद का कार्य भी करती रहीं। पेड़ पौधों से प्रेम और वनस्पति शास्त्र की ज्ञाता होने के कारण My Little Greens के नाम इनडोर प्लांट्स का व्यवसाय कर रही हैं।पेड़ पौधों की देखभाल कैसे की जाए, कचरे से खाद कैसे बानी जाए ,इन विषयों पर वह लाइव सेशन देती हैं।पर्यावरण प्रेमी इला अपने आस पास के लोगों को हरियाली बढ़ने और घरेलू कचरे को इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करती हैं। उनके इस प्रयास के लिए उन्हें कई अवॉर्ड भी मिले हैं।


अपने आस पास और देश विदेश में होती घटनाओं, सामाजिक सरोकारों से प्रभावित हो कर अपने मन में आए हुए विचारों को कविता में ढालने का प्रयास करती हैं। इनकी कविताएं ५ कविता संकलनों में छप चुकी हैं।
इला की कविताओं को नित्य रूप से सोशल मीडिया के कविता संबंधित ग्रुप पर सराहा जाता रहा है। उन्हें कविता लेखन के लिए अक्सर ऑनलाइन सर्टिफिकेटों से सम्मानित किया जाता है। उनका मिशन अपने जैसी हर लेखिका को सामने लाना और उन्हें लिखने के लिए प्रोत्साहित करना है। अब तक वो अनेक शौकिया कवियत्रियों को लगातार लिखने के लिए प्रेरित कर चुकी हैं, उनको मंच दे चुकी हैं।
इला का यही प्रयास है कि हर व्यक्ति अपने हुनर को पहचाने ,उसे बाहर लाए

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