सावन मास का महीना त्योहारों से पूरी तरह से सजा हुआ है. सावन मास की शिवरात्रि का धार्मिक महत्‍व बहुत खास माना जाता है। श्रवण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार शिवरात्रि की पुण्य तिथि दिनांक 2 अगस्त की है. फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि और सावन मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना और उपवास करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

जानिए किस लिए ये महीना है इतना ख़ास?

सावन मास के कृष्ण पक्ष के अंतर्गत काफी सारे त्यौहार मनाये जाते है.इस महीने की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहलाती है। इस साल यह 4 अगस्‍त को है। इस दिन शंकर के साथ गौरी देवी का सानिध्‍य होता है और रुद्राभिषेक के लिए सबसे शुभ तिथियों में से एक माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध कर्म किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ हवन, जप -तप व साधना करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और हर कष्ट दूर हो जाता है।सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को स्वर्ण गौरी व्रत रखा जाता है। कहीं-कहीं इसे मधुश्रवा व्रत कहते हैं तो कहीं-कहीं महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए इस दिन हरियाली तीज का व्रत करती हैं। यह त्यौहार इस बार 7 अगस्त को मनाया जाएगा. इस त्योहार को माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हुए मनाया जाता है। नवविवाहित महिलाएं अपने मायके आकर यह पर्व मनाती हैं। इस दिन झूला झूलते हैं और सावन के गीत गाए जाते हैं। वहीं हरियाली तीज का व्रत महिलाएं सुख समृद्धि और पति व संतान की लंबी उम्र के लिए करती हैं।

क्यों करते है 8 प्रकार के नागो की पूजा?

सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 9 अगस्त दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। सावन मास भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय है। इस मास में शिव के गण नाग देवता की पूजा की जाती है और नाग पंचमी का त्‍योहार मनाया जाता है। भगवान् शिव को नाग बहुत प्रिये है इसलिए नाग पंचमी पर मुख्य रूप से आठ नाग देवताओं की पूजा की जाती है,जो हैं वासुकि, ऐरावत, मणिभद्र, कालिया, धनंजय, तक्षक, कर्कोटकस्य और धृतराष्ट्र। इनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सर्प भय से मुक्ति मिलती है।

और कोन – कोन से मुख्य त्यौहार?

इस महीने में पुत्रदा एकादशी, 15 अगस्‍त,श्रावण पूर्णिमा, रक्षाबंधन 19 अगस्‍तकज्‍जली तीज, 21 अगस्‍तबहुला चतुर्थी, 22 अगस्‍तहल छठ, ललही छठ, 24 अगस्‍तजन्‍माष्‍टमी, 26 अगस्‍त और 27 अगस्‍तअजा एकादशी, 29 अगस्त ,वत्‍स द्वादशी, 30 अगस्‍त आदि जैसे त्यौहार भी मनाये जाएंगे.

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version