सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर रोक लगा दी है l कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताया है और इस पॉलिसी को रद्द कर दिया है l वहीँ केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट के रद्द करने के बाद अब सियासत भी शुरू हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी से सुब्रमण्यम स्वामी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का नाम लेकर इस्तीफा तक मांग लिया है। इतना ही नहीं अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखे अपने पोस्ट में स्वामी ने इस योजना को एक घोटाला तक बता दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसको रद्द कर दिया है। वहीँ दूसरी तरफ शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही पिछले पांच सालों के चंदे का हिसाब-किताब भी मांग लिया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को बताना होगा कि पिछले पांच साल में किस पार्टी को किसने कितना चंदा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से पूरी जानकारी जुटाकर इसे अपनी वेबसाइट पर साझा करे।

स्वामी ने एक्स पर दी जानकारी

बता दें कि अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर स्वामी ने लिखा कि मुझे लगता है कि पीएम मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए। चूंकि चुनावी बॉन्ड एक मूर्खतापूर्ण आइडिया था और ये एक बहुत बड़े घोटाले में बदल गया था। इससे बीजेपी के भ्रष्टाचार से लड़ने के दावे को नुकसान पहुंचता है। पार्टी की भलाई के लिए पीएम मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए।

इतना ही नहीं वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी लिखा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक सिंगल जज बेंच ने जब पाया कि इंदिरा ने सरकारी पैसे का इस्तेमाल चुनावी प्लेटफॉर्म पर किया है तब जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा से पीएम पद से इस्तीफे की मांग की थी। क्या जेपी के वसूलों पर चले वाली पार्टी उनकी राय को मानेगी?

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