दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र हिंदी सिनेमा के सबसे पसंदीदा अभिनेताओं में से एक हैं। उनकी एक्टिंग स्किल्स और एक्शन सीन्स आज भी चर्चा में रहते हैं, जिन्हें शायद ही कोई भूल सकता है। काफी संघर्षों के बाद उन्होंने अपनी काबिलियत से फिल्मी दुनिया में एक खास पहचान बनाई और बैक-टू-बैक कई हिट फिल्मों की झड़ी लगा दी। अपने करियर में उन्होंने कई ब्लॉकबस्टर हिट फिल्में दी हैं। ऐसी ही एक फिल्म 1964 में रिलीज हुई ‘आई मिलन की बेला’ जो बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म से धर्मेंद्र ने नेगेटिव रोल में डेब्यू किया था। इस कल्ट क्लासिक फिल्म में विलेन बन वह सारी लाइमलाइट लूट ले गए थे। ये पहली और आखिरी फिल्म थी, जिसमें उन्होंने विलेन की भूमिका निभाई थी। हालांकि, उन्होंने ग्रे शेड के कई किरदार निभाए हैं।
हीरो ने विलेन बन कमाया नाम
रोमांस, कॉमेडी और एक्शन के जरिए धर्मेंद्र हिंदी सिनेमा के हीरो बन करोड़ों दिलों पर राज कर रहे हैं। मोहन कुमार द्वारा निर्देशित 1964 की ‘आई मिलन की बेला’ फिल्म दो दोस्तों श्याम और रंजीत के इर्द-गिर्द घूमती है जो एक ही लड़की से प्यार करते हैं। इसके कारण दोनों के बीच काफी गलतफहमी पैदा हो जाती है और वह श्याम पर चोरी का झूठा आरोप लगाता है। सचिन भौमिक और सरशार सैलानी द्वारा लिखित इस फिल्म में राजेंद्र कुमार, सायरा बानो और धर्मेंद्र लीड रोल में नजर आए। बता दें कि धर्मेंद्र को बतौर हीरो नहीं बल्कि विलेन बनने के बाद सिनेमा जगत में पहचान मिली थी।
4 दशक से इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं धर्मेंद्र
आज बॉलीवुड के ही-मैन अपना 89वां जन्मदिन मना रहे हैं, जिन्होंने ‘शोले’, ‘राजा जानी’, ‘सीता और गीता’, ‘कहानी किस्मत की’, ‘यादों की बारात’, ‘चरस’, ‘आजाद’ और ‘दिल्लगी’ जैसी मशहूर ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। 70 और 80 के दशक के एक्शन-रोमांटिक स्टार्स में से एक धर्मेंद्र ने ‘धरम वीर’, ‘गुंडागर्दी’, ‘लोफर’ और ‘जुगनू’ में अपने दमदार एक्शन से सभी का दिल जीत लिया था। आखिरी बार धर्मेंद्र को रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की रोमांटिक फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में देखा गया था, जिसमें अभिनेता ने शबाना आजमी के साथ अपने किसिंग सीन से खूब लाइमलाइट चुराई थी।
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