Author: aaravtimes

21 अगस्त 2022 को मदर हुड क्लब ने जी के 2 , नई दिल्ली में स्थित कुंजुम बुक कैफे में अपने काव्य संकलन ” अंतर्मन” के विमोचन का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। अंतर्मन काव्य संकलन में पचास कवियों द्वारा लिखित कविताओं का शुमार किया गया है। इस काव्य संकलन में कवियों ने अपने अपने अंतर्मन की झलक दिखाने का प्रयास किया है। हर कवि की छह छह कविताओं से मिल कर बना यह काव्य संकलन निश्चित रूप से पाठकों के अंतर्मन तक निश्चित रूप से पहुंचेगा। कविताओं के इस गुलदस्ते का एक एक फूल अपनी खास महक लिए हुए…

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कहीं किसी मोड़ परमिल गई मुझे एक बूढ़ी स्त्री….कुछ घबराई,कुछ शरमाईकुछ सहमी सी ,डरी डरी।अरे! तुम्हारी आँखे क्यों हैं नम ?सुनते ही लिपट गई मेरे गले से, फूट फूट रोने लगी,भर्राए गले से व्यथा अपनी कहने लगी।मैं हूं सोने की चिड़िया, लेकिन अब मेरी चमक खो सी गई है,आज मेरी कीमत तांबे के बर्तन से भी कम हो गई है।मैं कल भी काबिल थी, आज भी काबिल हूं,लेकिन हालातों ने मुझे कहीं का रहने नहीं दिया,मेरे आत्मसम्मान को दर ब दर ठोकर खाने के लिए छोड़ दिया।यूं तो आज मैं पिचहत्तर साल की हो गई हूं,लेकिन रहती हूं डरी डरी,…

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नई दिल्ली- आयोजकों मधुर शर्मा और अंशु मुद्गल ने 4, 5 और 6 अगस्त को ताज कन्वेंशन सेंटर, आगरा में एक प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता – मिस मिसेज इंडिया – वूमेन आफ सब्सटेंस का आयोजन किया गया। यह आयोजन नारीत्व का उत्सव था और इसने विभिन्न उम्र और विभिन्न पृष्ठभूमि की महिलाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया। 3 दिवसीय कार्यक्रम पावर पैक्ड और मजेदार गतिविधियों जैसे ग्रूमिंग सेशन, टैलेंट राउंड, फोटोशूट और बहुत कुछ से भरा था। इस कार्यक्रम को एसकेडी यूनिवर्सिटी, श्री लक्ष्मी फाउंडेशन, फ्रेश फीट, सिनी लाइफस्टाइल जैसे क्षेत्रों में अग्रणी ब्रांडों द्वारा…

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सिर्फ एक बक्से में ज़िंदगी बसर करते हैं,हां। मेरे फौजी भाई यूं ही सफ़र करते हैं। हरे टीन के बक्से में मां के हाथों का बुना हुआ शाल, पिताजी के खत ,बीवी की महकती चुनरी और बिटिया का फोटो देख देख के सबर करते हैं।यारों की तस्वीरें,कुछ ज़रूरी कागज़ातसब कुछ इसी बक्से में संभाल कर ज़िंदगी बसर करते हैं। हम महफूज़ सोए रहते हैं, नर्म गद्दों और लिहाफों में,फौज के सिपाही सख़्त ज़मीं पे रात गुज़ार देते हैं ।एक तखत, या बक्से पर लेटे खुली आंखों से सो जाते हैं। हम समतल ज़मीं पर चलते हुए थक जाते हैं,ये सख़्त…

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उद्योग जगत के दिग्गजों और एनजीओ ने सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए तकनीक की भूमिका पर चर्चा की भारत में अनुकूल प्रणाली के निर्माण के लिए तकनीक बेहद महत्वपूर्ण है जहां, इंटरनेट की पहुंच बहुत अधिक है और सरकार का डिजिटल इंडिया अभियान सामाजिक आवश्यकताओं के लिए स्थायी बदलाव लाने हेतु तालमेल में काम कर रहा है। तकनीक का उपयोग किस तरह सामाजिक कल्याण के लिए किया जा सकता है, इस विषय पर चर्चा करने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक ही मंच पर लाने के उद्देश्य के साथ वी की सीएसआर शाखा वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन (वीआईएफ) ने नैसकॉम…

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नई दिल्ली- ऑरेनबर्ग स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी की टीम ने 26 जुलाई 2022 को नई दिल्ली में रशियन हाउस के साथ आपसी सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर समारोह में प्रो. एंटोन ओलेगोविच, , अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के डीन, ऑरेनबर्ग स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी और श्री ओलेग ओसिपोव, नई दिल्ली में रशियन हाउस के निदेशक ने भाग लिया और उनके नेतृत्व में ये कार्येक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में रूस एजुकेशन के अध्यक्ष प्रो सैयद के. वाशिम और रूस शिक्षा के निदेशक डॉ. दिनेश सिंगला जी, प्रिया मल्होत्रा जी भी उपस्तित रहे। नई दिल्ली में रशियन हाउस और ऑरेनबर्ग स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, रूस…

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मैं जा तो रहा हूं सरहद पर ,कुछ कर दिखाने का जज़्बा लेकर,आंखों में कुछ ख़्वाब बड़े ,दिल में थोड़ा सा डर ले कर ।नहीं डरता नहीं हूं मैं कि वापस नहीं आ पाऊंगा,डरता हूं उनके लिए ,जिन्हें पीछे छोड़ जाऊंगा।मां का भीगा आंचल रह रह कर मुझे बुलाएगा,खुरदुरे हाथों से उसका मेरे माथे पर हाथ फेरना मुझे रुलाएगा।मेरी नई नवेली दुल्हन का चितवन मुझे लुभाएगा।घूंघट की ओट से झांकती आम की फांक जैसी आंखें मुझे भूलती नहीं,उसकी डबडबाई आंखों में तैरती मेरी छवि मुझे भूलती नहीं।बाबा मानो बिना कुछ कहे ही बहुत कुछ कह रहे हैं,खुद घबराए हुए हैं…

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कैसी कैसी कुर्बानी हैं ये देते,जाने किस माटी के हैं ये बने ?क्या खाया होगा इनकी वीर मां ने,जो ऐसे जां बाज़ बेटे है जन्मे ? बचपन से ही होते हैं कुछ अलग,जब सब खेल रहे होते मैदानों में ,ये शहीदों की गाथाएँ सुनते चौपालों में।जब सब सोते मां की गोद में,ये बातें छेड़ते धरती मां के आंचल की। इन्हें दिखता तिरंगा कुछ अलग और अनोखा सा,तिरंगे की शान में सर झुक जाता इनका।लड़ जाया करते हैं हर उस शख्स से जो तिरंगे का अपमान करे,चलते हैं सर पर कफ़न ओढ़े,जब जब धरती मां फरमान करे।फ़ौज हो या ज़िंदगी,ये हारते…

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एतबार की हद कोई कभी न समझ सका,चंद पलों में कभी जम गया, कभी ताउम्र ना बन सका। वो मेरा साया ,मेरा हमसफर ही था,जो लाख वादे कर के भी मेरा ना बन सका । किस से जाके कहूं कि मेरा एतबार टूट गया,एक बार जो छन्न से टूटा,फिर कभी न जुड़ सका। दिल को आदत सी हो गई है धोखे खाते रहने की,हमने लबों को सी लिया, ना खुल के वो रो सका। इश्क़ के मरकज़ में बुत बन के बैठ गया,वो हिज़्र का मारा आशिक विसाले यार ना पा सका। पलट के पूछा नहीं तुमने छोड़ जाने के…

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नई दिल्ली- श्वेता सिंह ने वीजी मिसेज इंडिया फिनेस द्वितीय रनर अप 2022 का खिताब जीता और वीजी मिस और मिसेज इंडिया के ग्रैंड फिनाले में वीजी मिसेज इंडिया उत्तराखंड 2022 का खिताब भी जीता। उन्होंने बेस्ट नेशनल कॉस्ट्यूम और द पॉपुलर क्वीन का खिताब भी जीता है। श्रीमती श्वेता सिंह पेशे से इंटीरियर डिजाइनर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह श्वेता आर्ट्स – इंटीरियर डिजाइन कंपनी की संस्थापक हैं। वर्तमान में, वह ब्लेसिंग्स एनजीओ, मैनकाइंड केयर फाउंडेशन, साई आश्रय और सिख विरसा सेवा सोसाइटी जैसे गैर-लाभकारी संगठनों से भी जुड़ी हुई हैं। वह बच्चों से घिरे रहना पसंद करती है…

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