गीतांजलि फाउंडेशन द्वारा संचालित पहला ऐतिहासिक धार्मिक महाकुंभ यात्रा जिसमें हर तरह के दिव्यांग शामिल हुए और पूरे जोश और हिम्मत से पूरी यात्रा की जहां ट्रेन में भीड़ की वजह से घुसने की कोई गुंजाइश नहीं थी फिर भी बाबा भोलेनाथ की कृपा से और दिव्यांगों की हिम्मत की वजह से यात्रा असानी से पूरी हुई जो अपने आप मे बेमिसाल रहा। पहली बार इतनी लंबी दूरी की धार्मिक और ऐतिहासिक यात्रा गीतांजलि टीम के दिव्यांगों ने की प्रयागराज महाकुंभ में गंगा नहाने के बाद किन्नर अखाड़े और दूसरे अखाड़े के साधु संतों से भी आशीर्वाद प्राप्त की।
गीतांजलि फाउंडेशन की अध्यक्षा अर्चना झा का कहना है कि दिव्यांगों के तरह की यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज और देश को कुछ ना कुछ अलग अलग पैगाम देना कि ये लोग अगर शरीर से लाचार होकर भी चुनौती पूर्ण कार्य कर सकती है तो सामान्य लोग देश और समाज के लिए बहुत कुछ कर सकते है |