पलवल, 2 दिसंबर: हरियाणा ग्रामीण बैंक के एक पूर्व कर्मचारी की शिकायत पर पलवल थाना चांदहट में जालसाज़ी, धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र के आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। फ़रीदाबाद के सेक्टर-3 बल्लभगढ़ निवासी शिकायतकर्ता राजेंद्र सिंह सोनी का आरोप है कि वरिष्ठ बैंक अधिकारियों—फकीर चंद सिंगला (GM), केपी अत्तवाल (मैनेजर), ओपी महरोलिया (IA HO), और अरुण कुमार नंदा (चेयरमैन)—ने कथित तौर पर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर तीन लोन (₹4,30,000 / ₹2,00,000 / ₹1,00,000 — कुल ₹7,30,000) स्वीकृत किए। शिकायतकर्ता के अनुसार, यह सब तब हुआ जब वह कटेसरा शाखा से ट्रांसफर हो चुके थे। इन आरोपों के चलते 2017 में उन पर चार्जशीट भी दायर की गई, जिससे उनकी पेंशन पर प्रभाव पड़ा। पुलिस ने IPC की धारा 420, 467, 468, 471 और 120B के तहत मामला दर्ज कर जांच ASI हरमिंदर को सौंपी है।

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स और वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन के चीफ कोऑर्डिनेटर मुकेश कुमार जोशी का कहना है कि 2013 में हरियाणा के दो ग्रामीण बैंकों के विलय के बाद भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार उठती रही हैं, जिनके आधार पर कई वरिष्ठ अधिकारी आंतरिक जांच में दोषी भी पाए गए, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, शिकायतकर्ता के वकील गणेश चंद्र शर्मा ने कहा कि यदि इस मामले की गहन जांच हुई तो और भी अनियमितताओं का खुलासा संभव है। पुलिस का कहना है कि बैंक दस्तावेज़ों और रिकॉर्ड की बारीकी से जांच कर आरोपों की पुष्टि की जाएगी।

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