गणेश चतुर्दि के दिन जानिए क्या है शुभ मुहरत,भगवन गणेश होंगे खूब…

वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद का सितम्बर महीना भगवान गणेश को समर्पित रहता है क्योंकि इसी महीने में गणेश चतुर्थी का पावन त्योहार पूरे देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता भी माने जाते हैं. बिना भगवान गणेश की पूजा के आराधना मसफल नहीं मानी जाती. भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से घर में खुशहाली आती है और सभी प्रकार के संकट दूर होते है,इसलिए इनका एक नाम विघ्नहर्ता भी हैं.जी हाँ आपको बता दे, इस दिन की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चोट-चंदा भी कहते है.

आखिर क्यों हम मानते आ रहे है ,गणेश चतुर्थी ?

हम आपको बता दे,पौराणिक कथाओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश का जन्म ​हुआ था और इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. जी हाँ ,पौराणिक कथाओ के मुताबिक महर्षि वेदव्यास जी ने भगवान गणेश जी से महाभारत की रचना को लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की थी. जिसके बाद गणेश चतुर्थी के दिन ही व्यास जी ने श्लोक बोलना और गणेश जी ने उसे लिपिबद्ध करना शुरू किया था. बिना रूके 10 दिन तक लगातार लेखन किया और 10 दिनों में गणेश जी पर धूल-मिट्टी की परत चढ़ गई. गणेश जी इस परत को साफ करने के लिए 10वें दिन सरस्वती नदी में स्नान किया और इस दिन चतुर्थी तिथि थी. तभी से गणेश चतुर्थी का त्योहार इस स्तिथि स्वरुप मनाया जाता है और गणेश जी का विधि-विधान से विसर्जन किया जाता है.

जी हाँ आपकी जानकारी के लिए बता दे,इस साल गणेश चतुर्थी का उत्सव 7 सितंबर से शुरू होगा, जबकि गणेश विसर्जन 17 सितंबर, 2024 के दिन किया जाएगा। इस दिन ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है, और चित्रा नक्षत्र के साथ गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान भारत के महाराष्ट्र राज्य में गणेश उत्सव की अलग रौनक देखने को मिलती हैं। चारों ओर, जगह-जगह गणेश पंडालों में गणेश जी की विशाल प्रतिमा की स्तापना की जाती है।आपको बता दे लोग गणेश जी को घर में भी स्तापित करते है और उनकी खूब पूजा अर्चना भीं करते है, वहीं आप भी अगर अपने घर में गणपति जी की स्थापना कर रहे हैं, तो उससे पहले ये ध्यान जर्रूर रखियेगा की भगवान् गणेश की पूजा में पूर्ण सामग्री एकत्रित करनी ना भूल जाए।

इस साल कोन सा मुहरत सर्वश्रेष्ठ?

सभी भक्त जनो को हम आघा कर दे कि,इस बार 6 सितम्बर को 12 :09 मिनट से चतुर्थी प्रारम्भ होगी और 7 सितम्बर 2 :07 मिनट तक चतुर्थी मुहरत रहेगा.जी हाँ 7 सितम्बर को उदिया तिथि के कारण ही ये मुहरत शुभ माना गया है और इस दिन गणेश जी की विशेष पूजा भी होगी।

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