PM नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘पाठशाला’ लगाई l प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के सवालों के जवाब दिए l करीब पौने दो घंटे तक पीएम ‘सर’ की मेगा क्लास में बच्चों को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन से लेकर बेहतर नागरिक बनने के गुण मिले। देशभर के बच्चों से बात करते हुए उन्होंने बच्चों को एग्जाम को लेकर होने वाले तनाव, घबराहट, एनर्जी आदि को लेकर टिप्स दिए, जिन्हें अपनाने के बाद छात्रों को अपनी-अपनी परेशानियों का सॉल्यूशन मिला l प्रधानमंत्री ने बेहद सरल और मजेदार अंदाज में बच्चों के हर एक सवाल का जबाव दिया। कैसे बोर्ड परीक्षा की तैयारी की जाए, टाइम मैनेजनेंट कैसे हो, मोबाइल के दुष्प्रभाव से कैसे बचा जाए? इसके साथ ही अभिभावकों और शिक्षकों को एग्जाम से पहले बच्चों के साथ कैसे पेश आना चाहिए इस बात पर भी चर्चा की l

PM नरेंद्र मोदी ने दिए गुरु मंत्र कि कैसे झेलें परीक्षा का प्रेशर?

बता दें कि छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि वो परीक्षा और सिलेबस के प्रेशर को कैसे हैंडल करें। वहीं पीएम ने इसके जवाब में कहा कि ‘हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए।’

‘पढ़ने के साथ-साथ लिखने की प्रैक्टिस जरूर करें’

बता दें कि बच्चों को टिप्स देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल लोगों की लिखने की आदत कम हो गई है। आईपैड वगैरह पर हम ज्यादा वक्त बिताते हैं। लेकिन जितना लिखेंगे उतनी ही अच्छी तैयारी होगी और कॉन्फीडेंस भी बढ़ेगा। इसलिए आप दिन में जितनी देर पढ़ते हैं उसका कम से कम आधा वक्त नोट्स बनाने में लगाएं। इससे आपको आइडिया लग जाएगा कि परीक्षा में कितनी देर में क्या आंसर लिखना है। जब आप लिखने की प्रैक्टिस करेंगे तो आपको टाइम मैनेजमेंट आ जाएगा और जाहिर तौर पर परीक्षा परिणाम में इसका असर दिखेगा।

‘दूसरों से कंपटीशन नहीं प्रेरणा लीजिए’

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है… उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे।

अभिभावकों को दिया मंत्र

बता दें कि अभिभावकों को PM ने मंत्र देते हुए कहा कि माता-पिता, शिक्षकों या रिश्तेदारों की ओर से समय-समय पर नकारात्मक तुलना की जाने वाली ‘रनिंग कमेंट्री’ छात्र के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है l यह फायदे से ज्यादा नुकसान करता है l इसलिए, हमें छात्रों के साथ उचित और हार्दिक बातचीत के माध्यम से मुद्दों का समाधान सुनिश्चित करना चाहिए, न कि शत्रुतापूर्ण तुलनाओं और बातचीत के माध्यम से उनके मनोबल और आत्मविश्वास को कम करना चाहिए l इसके साथ ही मोदी ने कहा कि ये शिक्षक और माता-पिता के लिए सोचने का विषय है कि ऐसा क्या कारण है कि हम पारिवारिक जीवन में भी विश्वास की कमी का अनुभव कर रहे हैं l ये विश्वास की कमी अचानक नहीं होती है l एक लंबे कालखंड से गुजरकर निकलती है l इसलिए हर माता-पिता, हर शिक्षक और हर छात्र को बहुत बारीकि से अपने आचरण का विश्लेषण करना चाहिए l क्या आप जो कहते हैं उसका सच में पालन करते हैं?

टीचर को दिया मंत्र

बता दें कि शिक्षकों को भी मंत्र देते हुए PM मोदी ने कहा कि किसी भी शिक्षक के मन में जब ये विचार आता है कि मैं छात्र के इस तनाव को कैसे दूर करूं? अगर शिक्षक और छात्र का नाता परीक्षा के कालखंड का है तो सबसे पहले वो नाता सही करना चाहिए l छात्र के साथ आपका नाता पहले दिन से परीक्षा आने तक निरंतर बढ़ते रहना चाहिए तो शायद परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी l

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