दिल्ली सरकार ने भाई दूज से पहले महिलाओं को ‘सहेली पिंक कार्ड’ का ऐलान किया हैं। इस कार्ड से महिलाएं डीटीसी बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगी और इसे रिचार्ज कर मेट्रो और अन्य सार्वजनिक परिवहन में भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

‘सहेली स्मार्ट कार्ड’

CM रेखा गुप्ता की तरफ से दिल्ली की महिलाओं और ट्रांसजेडर्स को एक बहुत बड़ा तौफ़ा मिलने जा रहा हैं, जी हां सही सुना आपने दिल्ली सरकार की तरफ़ से जल्द ही सहेली पिंक कार्ड योजना शुरू करने का ऐलान किया गया है। इस योजना के शुरू किए जाने का उद्देश्य महिलाओं कि सुरक्षित यात्रा को बढ़ावा देना है। इसमें महिलाओं को एक खास तरह का कार्ड मिलेगा, इस कार्ड की सहायता से महिलाएं डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा कर पाएंगी,और जानकारी के लिए आपको बताते चले की इसके अलावा इस कार्ड का उपयोग दिल्ली मेट्रो में भी किया जा सकता हैं। साथ ही ये कार्ड राष्ट्रीय सामान्य गतिशीलता कार्ड पर आधारित हैं। इसलिए इस कार्ड का उपयोग बसों, मेट्रो और दूसरे सार्वजनिक सरकारी परिवहनों में किया जा सकता हैं। दिल्ली की बसों में रोजाना करीब 30 लाख यात्री सफर करते हैं। इसमें महिलाओं की भागीदारी लगभग 15 लाख से अधिक है। यानी बसों में सफर करने वाले कुल यात्रियों में आधी संख्या महिलाओं की है। जानकारी से पता चला हैं की हैं की इस योजना को भाई दूज तक शुरू किया जा सकता है। इसके बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देशों के हिसाब से स्टेप वाइज लागू किया जाएगा। इस कार्ड के आने के बाद महिलाओं को बार-बार बसों में टिकट खरीदने की जरूरत नहीं होगी वह बस एक बार इसे टैप करके मुफ्त बस यात्रा की सुविधा का लाभ उठा सकती हैं।

मेट्रो में भी कर पाएंगी सफ़र…

जानकारी आ रही हैं की डीटीसी अधिकारियों का कहना हैं, महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों को मिलने वाले इस सहेली पिंक कार्ड एनसीएमसी (नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड) इनेबल होगा जिससे कि अगर महिलाएं चाहे तो डीटीसी में मुफ्त बस सफर के साथ इसे रिचार्ज करके उसी सहेली पिंक कार्ड से किराये का भुगतान करके मेट्रो समेत और भी अन्य सार्वजनिक परिवहन जैसे रैपिड मेट्रो (नमो भारत) में भी सफर कर सकती हैं। आपको बताते चले की इस कार्ड का लाभ केवल और केवल दिल्ली की महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स को ही होगा, दिल्ली से बाहर की महिलाओ या ट्रांसजेंडर्स को इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। कार्ड के लिए दिल्ली में रजिस्टर्ड डाक्यूमेंट्स का होना अनिवार्य बताया जा रहा हैं।

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