उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे में ना जाने कितनी जान फंसी हुई हैं l सिलक्यारा टनल हादसे को हुए सात दिन हो गए हैं। उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के बचाव अभियान चलाया गया l इस रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्रीय एजेंसियों के साथ 200 लोगों की टीम 24 घंटे काम कर रही है। भारतीय वायुसेना ने टनल में फंसी जिंदगियों को बचाने के लिए 27,500 किलोग्राम रेस्क्यू इक्यूप्मेंट को कड़ी चुनौती के बीच बजरी वाले एयरस्ट्रिप पर पहुंचाया है।

चलाया बचाव अभियान

बता दें कि भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना की भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद ली जा रही है। लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। इस बीच भारतीय वायुसेना ने बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण हालात में एक रेस्क्यू इक्यूप्मेंट को पहाड़ों में बजरी वाले एयरस्ट्रिप पर पहुंचाया है। इस इक्यूप्मेंट की मदद से ड्रिलिंग करके मलबे को हटाया जाएगा, ताकि मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम शुरू किया जा सके। भारतीय वायुसेना के लिए ये ऑपरेशन बहुत मुश्किल था। धरासू में एएलजी यानि एडवांस लैंडिंग ग्राउंड की लंबाई बहुत कम है और वहां वायुसेना के विमान वजनदार रेस्क्यू इक्यूप्मेंट की वजह से हाई लैंडिंग वेट के साथ आ रहे थे। इसकी जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि इस इक्यूप्मेंट का वजन एक पूरी तरह से लोडेड बड़े ट्रक के बराबर है।

छह दिनों से जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बन रही है l 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया l इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए l इन्हें निकलने के लिए पांच दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है l लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली l उधर, कुछ मजदूरों ने सुरंग के पास विरोध प्रदर्शन भी किया और रेस्क्यू के धीरे होने का आरोप लगाया l बता दें कि उत्तरकाशी में टनल धंसने वाला हादसा 12 नवंबर की सुबह 5.30 बजे हुआ था। इसमें वहां काम कर रहे 40 मजदूर फंस गए। ये मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब थाईलैंड और नॉर्वे की स्पेशल रेस्क्यू टीमों से मदद ली जा रही है। वहीं टनल में फंसे हुए सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें एयर कंप्रेस्ड पाइप के जरिए ऑक्सीजन, दवाएं, खाना और पानी दिया जा रहा है।

भोजन और दवाओं की सप्लाई

ये मजदूर सुरंग में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को भोजन और दवाओं की आपूर्ति की जा रही है l रेस्क्यू दल श्रमिकों के साथ नियमित बातचीत कर रहा है, ताकि मजदूरों में जिंदा रहने की आशा बनी रहे l दूसरी ओर मजदूरों को निकालने के लिए पास बनाने का प्रयास भी जारी है l इसके लिए वायुसेना के तीन परिवहन विमानों से एक के जरिए भारी ड्रिलिंग मशीन को दिल्ली से एयरलिफ्ट किया गया l

रेस्क्यू ऑपरेशन

रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी ऑगर मशीन की बेयरिंग खराब हो गई है। इसके कारण मशीन पाइप पुश नहीं कर पा रही है। टनल के अंदर अब तक 22 मीटर ही खुदाई की गई है। साथ ही अब तक सुरंग में पांच पाइप ड्रिल करने के बाद डाले जा चुके हैं। साथ ही इंदौर से जो तीसरी मशीन मंगाई जा रही थी, वो देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंच चुकी है। इसके बाद इस मशीन को एयरलिफ्ट कर के उत्तरकाशी तक पहुंचाया जायेगा। उसके बाद इसे टनल में इंस्टाल करने का काम किया जायेगा। उसके बाद फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जायेगा।

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