रूस और यूक्रेन के युद्ध से दुनिया भर की जनता वाकिफ है। उस युद्ध में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, किसी के घर उजड़ गए, तो दूसरी तरफ कई बच्चे भी अनाथ हो गए। रूस और यूक्रेन के युद्ध ने पूरी दुनिया की जनताओं के दिलों को झकझोर कर रख दिया था। अब साल 2025 में भी वही हालात दोबारा से दोहराए जा रहे हैं, पर इस बार देश अलग हैं — वो हैं ईरान और इज़राइल, जहाँ युद्ध की स्थिति काफ़ी गंभीर और नाज़ुक है।

क्या कारण है इज़राइल और ईरान के युद्ध का ?

सूत्रों की जानकारी के अनुसार, रूस और यूक्रेन युद्ध के पीछे की वजह थी कि पुतिन ने यूक्रेन राज्य के विचारों को सही नहीं बताते हुए उसका विरोध जताया और साथ ही उसका समर्थन भी किया। क्योंकि यूक्रेन में लोग दूसरे देशों से आते हैं और वहीं बस जाते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन सरकार नव-नाज़ी है और रूस के लोगों का नरसंहार कर रही है। रूस का यह लक्ष्य है कि वह यूक्रेन को नाज़ियों से मुक्त कर दे।

अब बात करें ईरान और इज़राइल की जंग के बारे में, तो ईरान ने इज़राइल पर यह इल्ज़ाम लगाया है कि इज़राइल ने ईरान के लोगों को भड़काया कि वे इज़राइल में नरसंहार करें। और इज़राइल की सरकार ने कहा कि ईरान ने उनकी जनता को भड़काया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान, इज़राइल के लिए एक बड़ा ख़तरा है जो उनके अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है। इज़राइल ने यह भी कहा कि “ईरान को इज़राइल के परमाणु हथियारों को हासिल करने से रोका जाए”। यही राजनीतिक संघर्ष अब युद्ध का उग्र रूप ले चुका है, जिसके कारण दोनों देशों की जनता को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

बेंजामिन नेतन्याहू की ईरान को चेतावनी

आपको जानकारी के लिए बता दें कि इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को धमकी दी है। एक कॉन्फ्रेंस के दौरान नेतन्याहू ने कहा कि हमारी सरकार ने ईरान के खिलाफ एक ऑपरेशन की शुरुआत की है, जिसका नाम रखा गया है ‘ऑपरेशन राइजिंग’, जो कि ईरान के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “हमें अपने सैनिकों से यह सूचना मिली है कि ईरान हमारी सीमा के बेहद करीब है और हमारे देश के परमाणु हथियारों को हासिल कर सकता है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा, “जब तक हम ईरान का अस्तित्व न मिटा दें, तब तक यह जंग चलती रहेगी। यह जंग तब तक चलेगी जब तक इज़राइल का खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता। ईरान हमें बहुत समय से चेतावनी देता आ रहा है, अब समय आ गया है कि इसका निवारण होकर रहेगा।”

वहीं दूसरी तरफ, इज़राइल ने ईरान पर हमला करके जंग की शुरुआत कर दी। जी हाँ, आपको बता दें कि इज़राइल ने ईरान पर अपनी बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया और उसके बाद हाइपरसोनिक मिसाइल से भी हमला किया। इसकी पुष्टि खुद इज़राइल की सेना ने की है। उन्होंने बुधवार को ईरान पर सुपरसोनिक मिसाइल से हमला किया और साथ ही उन्होंने तेहरान के कई इलाकों को निशाना बनाया है। अभी तक इज़राइल में 585 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,326 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है।

अली ख़ामेनेई ने दिया इज़राइल को जवाब

अली ख़ामेनेई ने इज़राइल के मिसाइल हमले पर जवाब देते हुए ट्विटर और सोशल मीडिया पर पोस्ट किया “Battle Begins” और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम इज़राइल पर बिल्कुल रहम नहीं करेंगे। हमें ज़ायोनी शासन के आतंकवाद को जड़ से मिटाना है और हम यहूदियों पर बिल्कुल रहम नहीं करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बावजूद अली ख़ामेनेई ने युद्ध में बने रहने की इच्छा ज़ाहिर की है और इस बयान से ट्रंप को एक बड़ा जवाब दिया है। इस बीच, अब अमेरिका की सेना ने दावा किया है कि ईरान अब पश्चिमी एशिया और कई अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमला कर सकता है। ईरान से खतरे के बचाव के लिए अमेरिका ने अपने कई सैन्य बलों के ठिकानों की सुरक्षा के लिए 30 फाइटर प्लेन भेजे हैं ताकि उनकी सहायता हो सके, क्योंकि ईरान और इज़राइल के हमले से अमेरिका भी सतर्क हो चुका है।

डोनाल्ड ट्रंप ने शांति की कही बात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो पहले कई देशों पर टैरिफ लगा चुके हैं जिसमें जापान और भारत भी शामिल हैं, अब उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले में सुलह कराई। अब वे ईरान और इज़राइल के बीच सुलह कराने की बात कह रहे हैं। आपको बता दें कि हाल ही में ट्रंप ने ईरान और इज़राइल के युद्ध पर अपनी बात सोशल मीडिया पर कही है, जिसमें उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘The Truth’ पर बड़े और साफ शब्दों में लिखा है — “UNCONDITIONAL SURRENDER”। ये शब्द ट्रंप ने ईरान के लिए लिखे हैं और बिना किसी शर्तों के आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।

साथ ही उन्होंने युद्ध रोकने के लिए कई बार हस्तक्षेप किया है ताकि दोनों देशों के बीच समझौता हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि, “मैं बहुत कुछ करता हूँ, और कभी भी किसी चीज़ का श्रेय नहीं लेता, लेकिन यह ठीक है, लोग समझते हैं। हम मध्य पूर्व को फिर से महान बनाएंगे।” ट्रंप ने यह बयान तब दिया जब ईरान और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील की बातचीत नहीं हो पाई थी। इस बीच ट्रंप ने कनाडा के केननसिक में G7 समिट में हिस्सा लिया, पर ईरान और इज़राइल के युद्ध के कारण वे वहाँ से चले गए।

पीएम मोदी ने कही बड़ी बात

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का प्रतिनिधित्व G7 समिट में किया। मोदी ने ट्रंप के बारे में बड़ी बात कही जिसमें उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति नहीं कराई। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच कोई हस्तक्षेप नहीं किया।” अब सवाल यह उठता है कि जब ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति समझौता नहीं कराया, तो अब ईरान और इज़राइल की लड़ाई में हस्तक्षेप क्यों किया है? क्या यह ट्रंप की कोई नई चाल है? या फिर इसलिए कि ईरान, अमेरिका पर हमला न करे — इसीलिए डोनाल्ड ट्रंप ने यह कदम उठाया है ताकि युद्ध रुकवाया जा सके।

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