हिंदू धर्म, जो कि बहुत ही पुराना, शुद्ध और पवित्र है, इसमें कई सारी मान्यताएँ होती हैं जो श्रद्धालुओं को परमात्मा से जोड़ती हैं। हाल ही में आई खबर, जो कि बहुत सुर्खियों में है, आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में जानवरों की चर्बी प्रसाद में मिलाकर लोगों की थालियों में जा रही है। इस वाक्य के बाद लोगों की श्रद्धाओं को आहत किया गया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने यह दावा किया था कि तिरुपति के प्रसाद में जो घी इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाया जा रहा था। 9 जुलाई को मंदिर के बोर्ड ने प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी के सैंपल्स परीक्षण के लिए गुजरात की पशुधन लैब में भेजे, और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब ने भी यह पुष्टि कर दी कि प्रसाद के लड्डूओं में जानवरों की चर्बी के साथ मछली के तेल का भी उपयोग किया जा रहा था। 18 सितंबर को CALF की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की बात सामने आई। इसके बाद सीएम नायडू ने जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अपने बयान में कहा कि आंध्र प्रदेश की पिछली सरकार ने मंदिर की पवित्रता को खंडित किया और लोगों की श्रद्धा और विश्वास के साथ बड़ा खिलवाड़ किया। जब मेरी सरकार आएगी, तो इन सभी चीजों पर रोक लगाई जाएगी और सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
जांच में क्या सामने आया?
सूत्रों के अनुसार, आपको बता दें कि जो घी के सैंपल्स लैब में टेस्टिंग के लिए भेजे थे, वे घी मिलावटी थे, जिसमें चर्बी और मछली के तेल के साथ एनिमल टैलो भी मिला था, जिसका मतलब है जानवरों का फैट, जिसकी मात्रा काफी अधिक पाई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, लड्डुओं में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, अलसी, गेहूं के बीज, मक्का के बीज, कपास के बीज और नारियल के साथ बीफ टैलो को भी घी में शामिल किया गया था। आपको बता दें कि यह पूरी सामग्री और लड्डुओं को प्रसाद के रूप में देना इसका पूरा संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् कमेटी द्वारा किया जाता है, जो कि हर दो साल में आंध्र प्रदेश की सरकार द्वारा निर्मित किया जाता है।
मिलावटी घी की कंपनी को किया ब्लैकलिस्ट
आपको बता दें कि जिस जगह से मंदिर को घी सप्लाई किया जा रहा था, उस कंपनी के साथ सारे पुराने कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिए गए हैं और घी की सप्लाई पर भी रोक लगा दी गई है। इस मामले की जांच को विजिलेंस के हाथों में सौंप दिया गया है और साल भर पहले जिस कंपनी को टेंडर मिला था, उसे भी कैंसिल कर दिया गया है।
मोहन रेड्डी पर NSA लगाने की मांग
तिरुपति के मिलावटी प्रसाद के मामले के बाद वकील विनीत जिंदल ने आंध्र प्रदेश के गृह मंत्रालय और DGP को शिकायत का पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा कि मोहन रेड्डी और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् के कमिटी सदस्यों पर मिलावटी घी के इस्तेमाल करने पर और घी के ठेकेदार पर भी सख्त कार्रवाई की जाए और मोहन रेड्डी पर NSA लगाने की गुहार की है।