कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने में सिर्फ एक हफ्ता बचा हुआ है. बेंगलुरु में कांग्रेस ने मंगलवार 2 मई को चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी कर दिया. पार्टी ने घोषणापत्र में बजरंग दल की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से की है. साथ ही, इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है. कांग्रेस की इस घोषणा पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र को पीएफआई और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों का घोषणा पत्र बताया है.
बजरंग दल और पीएफआई पर लगाएंगे बैन।
घोषणापत्र के मुताबिक, कांग्रेस ने कहा है कि अगर उन्हें सत्ता पर काबिज होने का अवसर मिला, तो वे बजरंग दल और पीएफआई जैसी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा देंगे. हमारी पार्टी जाति या धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं. बजरंग दल और पीएफआई जैसे व्यक्तियों और संगठनों के जरिये बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच शत्रुता या घृणा को बढ़ावा देने वाले अन्य लोगों की तरफ से इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है. हम ऐसे किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने सहित कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई करेंगे।
असम के सीएम का पलटवार
कांग्रेस की ऐसी घोषणा पर असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पीएफआई पर पहले से ही प्रतिबंध है. सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई के मामले वापस लिए इसलिए वे कह रहे हैं कि मुसलमानों को खुश करने के लिए वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देंगे. कांग्रेस कह रही है कि पीएफआई यह नहीं कह सकता कि हम बदला लेंगे. कांग्रेस का घोषणापत्र पीएफआई और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के घोषणापत्र जैसा दिखता है।