2023 में भारत को जी -20 की अध्यक्षता मिली है जिसके अंतर्गत मोदी सरकार ने तय किया है कि पुरे भारतवर्ष मे 200 से ज्यादा कार्यकर्म आयोजित किए जाएंगे I इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री मोदी ने “जन-भागीदारी” के अंतर्गत भारतीयों से भारत की समृधि के लिए इस अवसर का भरपूर फायदा उठाने को कहा कि ऐसे माहौल में, यह नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे इन उम्मीदों से परे जाएं और दुनिया को भारत की क्षमताओं, दर्शन, सामाजिक और बौद्धिक शक्ति से परिचित कराएं I गोल्डन स्पैरो और ललिता देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंसेज ने इस “जन-भागीदारी” के अंतर्गत 8 अप्रैल 2023 को ‘जी-20 जन भागीदारी समिट” का आयोजन किया I

गोल्डन स्पैरो की निदेशक आर जे आरती मल्होत्रा ने बताया कि हमारा प्रयास रहा कि जी-20 को भारत के लोगों तक ले जाया जाए और इसे कार्योन्मुखी बनाया जाए। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. बख्शी राम (पद्मश्री अवार्डी), डॉ. पिचेश्वर गड्डे (अध्यक्ष- लिंगया समूह), चेलैया सेलामुथु (निदेशक एनडीएमसी), वेद प्रकाश महावर ( निदेशक – ओ एन जी सी ) , डॉ.जगदीश पांडे ( शिक्षाविद ) द्वारा दीप प्रज्वलन तथा उद्बोधन से हुई । आयोजन में विभिन्न राज्यों के 320 से ज्यादा प्रतिभागियों ने ऑनलाइन तथा ऑफलाइन माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया I प्रतिभागियों मे छात्रों, युवाओं, महिलाओं, निजी क्षेत्र, शिक्षा जगत , कृषि सहित जीवन के सभी क्षेत्रों के सभी भारतीयों थे जिन्होंने अपने बहुमूल्य सुझाव और विचार प्रस्तुत किए । कार्यक्रम के गिफ्टिंग पार्टनर टप्पर वेयर , बीनट बटर, रिचसम हेल्थ केयर तथा फोटोग्राफी पार्टनर जम्बल फ्रेम रहे I

गोल्डन स्पैरो के दुसरे निदेशक डॉ. तिलक तंवर ने बताया कि द ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी, या G20, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय एजेंडे के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का प्रमुख मंच है। यह दुनिया की प्रमुख उन्नत और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। G20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूके और यूएसए शामिल हैं। G20 देश मिलकर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 90%, वैश्विक व्यापार का 80% और दुनिया की दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version