पश्चिम बंगाल में उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज शहर में 17 वर्षीय लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर शहर में हिंसा भड़की l जिसके चलते वहां धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने के साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं l यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा मिली l 23 अप्रैल को शहर के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू की गई थी l अधिकारी ने जानकारी दी कि ये उपाय 30 अप्रैल तक जारी रहेंगे l

क्या है पूरा मामला :-

बता दें कि 21 अप्रैल को कालियागंज में 17 साल की दलित नाबालिग का शव नहर में तैरता मिला था l पीड़िता के परिजनो का आरोप है कि दुष्कर्म के बाद उनकी बेटी की हत्या कर दी गई थी l पीड़िता की मौत के बाद मंगलवार को हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी l प्रदर्शनकारियों ने कालियगंज थाने में आग लगा दी थी।

इस दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की पिटाई भी की थी। वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने मृत के परिजनों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि सच्चाई को दबाने का प्रयास किया गया l हलदर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर वोट बैंक की राजनीति के लिए एक समुदाय विशेष को बचाने का आरोप लगाया l

उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को उपस्थित होना चाहिए था, लेकिन वे उपस्थित नहीं थे l कम से कम जांच अधिकारी को तो मौजूद होना चाहिए था, लेकिन वह भी नहीं थे l आप मेरा अपमान नहीं, बल्कि एक संवैधानिक पद का अपमान कर रहे हैं l कालियागंज हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिस के नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक की इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गई l पुलिस ने बताया कि मिज़ानुर रेहमान पुलिस के नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक थे l उन्होंने बताया कि मंगलवार को कालियागंज में हुई हिंसा में वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे l सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गईl

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