नमस्कार भाइयों और बहनो मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं। इस आवाज को अब आप कभी नहीं सुन पाएंगे l जी हां, रेडियो/विविध भारती के सबसे जाने-माने अनाउंसर व टॉक शो होस्ट अमीन सयानी अब इस दुनिया में नहीं रहे l बताया जा रहा हैं कि उनकी मौत हार्ट अटैक आने से हुई हैं l अपने श्रोताओं का 30 मिनट के शो में मनोरंजन करने वाले अमीन सयानी अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं l आइए जानते हैं कौन हैं अमीन सयानी?

आपको बता दें कि अमीन सयानी की मौत से उनके फैंस और टीवी जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। पिछले काफी लंबे समय तक उन्होंने रेडियो की दुनिया में अपना योगदान दिया। अमीन सयानी का जाना रेडियो की दुनिया में एक युग का अंत माना जा रहा है।

20 फरवरी की शाम को तोड़ा दम

बता दें अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने पिता ने निधन की पुष्टि की l उन्होंने बताया कि मंगलवार (20 फरवरी) को उनके पिता को उनके दक्षिण मुम्बई स्थित घर पर ही हार्ट अटैक आया, जिसके बाद आनन-फानन ने उन्हें नजदीक के एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल मे ले गया l डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की l कुछ देर इलाज के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया l

लंबे वक्त से थे बीमार

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमीन सयानी पिछले काफी वक्त से अपने स्वास्थ्य संबंधित परेशानी से गुजर रहे थे l पिछले 12 साल से पीठ दर्द‌ की भी शिकायत थी और यही वजह है कि उन्हें चलने‌ के लिए वॉकर‌ का इस्तेमाल करना पड़ता था l

रेडियो के सबसे फेमस अनाउंसर थे अमीन सयानी

बता दें कि अमीन सयानी रेडियो जगत के सबसे फेमस अनाउंसर थे l उनका निधन 91 की उम्र में हुआ है। उनका जन्म साहित्य की दुनिया से जुड़े परिवार में हुआ था। उनकी मां ‘रहबर’ नामक समाचार पत्र निकालती थीं। उनके भाई हामिद सयानी भी रेडियो अनाउंसर थे। उनके भाई ने ही अमीन का ऑल इंडिया रेडियो, बॉम्बे से परिचय कराया था। उन्होंने करीब 10 वर्षों तक यहां काम किया l 1952 में अमीन रेडियो सीलोन से जुड़े।

जानकारी के लिए बता दें कि अमीन ने रेडियो सिलोन और फिर विविध भारती में 42 वर्षों तक काम किया। वह रेडियो के सबसे फेमस और बुजुर्ग अनाउंसर थे। उनके कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। यह भारतीय फिल्म संगीत का सबसे पहला संगीत काउंट डाउन शो था। लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित यह शो जब शुरू हुआ, तब लोगों में कम समय में इसकी पॉपुलैरिटी बन गई। लोग हर हफ्ते इसे सुनने के लिए बेकरार रहा करते थे। ‘बिनाका गीतमाला’ का पहला शो 1952 में शुरू हुआ था।

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