कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी लोकसभा सदस्यता रद्द होने के 6 महीने बाद संसद में पहली बार भाषण दिया l उन्होंने मणिपुर मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने राहुल के बयान का जवाब दिया और उन पर अमर्यादित आचरण का आरोप लगाया। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बीते 9 साल में केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और मणिपुर हिंसा की निंदा की। आइए जानते है संसद की कार्यवाही के दौरान किन मुद्दों पर चर्चा और नोकझोंक हुई….
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने बयान की शुरुआत भारत जोड़ो यात्रा से की l उसके कुछ समय बाद उन्होंने मणिपुर मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने अपने 37 मिनट के भाषण में 50 फीसदी मणिपुर मुद्दे को लेकर बयान दिए l राहुल ने कहा- प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर नहीं गए। वे वहां नहीं जा सकते हैं, क्योंकि उन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान, भारत माता की हत्या की है। राहुल ने अपने भाषण में मणिपुर पर सोनिया का जिक्र किया और कहा, मेरी मां यहां बैठी हैं l दूसरी मां, भारत माता, आपने (केंद्र) मणिपुर में हत्या कर दी l उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर को दो हिस्सों में बांट दिया l खंडित कर दिया है l आप भारत माता के रखवाले नहीं, हत्यारे हो। सेना एक दिन में वहां शांति ला सकती है, लेकिन आप ऐसा नहीं चाहते। रावण दो लोगों की सुनता था- मेघनाद और कुंभकर्ण। वैसे ही मोदी जी अमित शाह और अडाणी की सुनते हैं।
राहुल गांधी के इस बयान का पलटवार करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा- राष्ट्र के इतिहास में पहली बार भारत मां की हत्या की बात हुई। कांग्रेस तालियां बजाती रही। इस बात का संकेत पूरे देश को दिया कि किसके मन में गद्दारी है। स्मृति ने राहुल पर सदन में फ्लाइंग किस देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- एक अभद्र व्यक्ति ही सदन में महिला सदस्यों के रहते ऐसी हरकत कर सकता है। यह उस खानदान के लक्षण हैं। ये आज देश को पता चल गया।
वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी के बयान पर भड़कते हुए अमित शाह बोले- मणिपुर में हिंसा शर्मनाक, उस पर राजनीति उससे भी ज्यादा शर्मनाक गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- राहुल गांधी मणिपुर गए थे। उन्होंने कहा मुझे चुराचांदपुर जाना है। सेना ने कहा- हेलिकॉप्टर से जाइए, वे नहीं माने। 3 घंटे ऑनलाइन आकर नाटक किया, फिर लौट गए। मणिपुर में जो हुआ शर्मनाक है। उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। नरसिम्हा राव PM थे, तब भी मणिपुर में 700 लोग मारे गए, लेकिन वे वहां नहीं गए।