शनिवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई हैं l ऐसा आरोप है कि अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला दिया गया, जिससे समुदायों/समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा मिला l
इस संबंध में विवादित बयान भी दिए गए l जोकि IPC की धारा 121,153A, 505 और 34 तहत अपराध की क्षेणी में आता है l ये नए संसद भवन के उद्घाटन के आयोजन के संबंध में है l नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण नहीं दिए जाने को लेकर सरकार पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हमला बोला था l उन्होंने ट्विटर पर एक के बाद एक 4 ट्वीट कर सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार दलित और जनजातीय समुदायों से राष्ट्रपति केवल चुनावी वजहों से बनाती है l
उन्होंने कहा कि जब शिलान्यास हुआ था तब तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को निमंत्रण नहीं दिया गया था l द्रौपदी मुर्मू को अब उद्घाटन के कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं दिया गया है l खरगे का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की प्रथम नागरिक हैं l द्रौपदी मुर्मू अकेले सरकार और विपक्ष के साथ ही देश के हर नागरिक का प्रतिनिधित्व करती हैं l उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति करतीं तो ये लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सरकार के कमिटमेंट का प्रतीक होता l वहीं दूसरी ओर सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दलित समाज पूछ रहा है कि क्या उन्हें अशुभ मानते हैं, इसलिए नहीं बुलाते?
बीजेपी और मोदी सरकार पर सीधे सवाल उठाए गए है l मोदी सरकार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अपमान का आरोप सीएम केजरीवाल ने लगाया है l उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राम मंदिर के शिलान्यास नहीं बुलाया गया था और नए संसद के शिलान्यास कार्यक्रम में भी नहीं बुलाया गया है l वहीं, नए संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से नहीं करवाया जा रहा है l