What is Geetika suicide case, know the whole matter?

क्या है गीतिका सुसाइड केस, जानिए पूरा मामला?

गीतिका विधायक कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस के तौर पर काम करती थी। उसने 23 साल की उम्र में 5 अगस्त, 2012 को दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने ही फ्लैट में सुसाइड किया था। गीतिका के परिवार वालों ने गोपाल पर गीतिका को परेशान करने का आरोप लगाया था और मौत का जिम्मेदार ठहराया था। कांडा इस केस के मुख्य आरोपी थे। बता दें कांडा हरियाणा के गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। वह इस मामले में 18 महीने जेल में भी रह चुके हैं। 11 साल बाद आए इस फैसले पर जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने हाथ जोड़े और कुछ नहीं कहा।

जानिए क्या है गीतिका-गोपाल कांडा मामला?

बता दें कि सिरसा में गोपाल कांडा की रेडियो रिपेयर की छोटी सी दुकान थी। इसके बाद गोपाल ने जूते-चप्पल की दुकान खोली l दुकान चल पड़ी तो उसके बाद जूता फैक्ट्री खोल ली। इसके बाद राजनीति में पहचान बनानी शुरू कर दी। कांडा ने रियल एस्टेट का कारोबार करना भी शुरू कर दिया। गोपाल कांडा ने फिर 2008 में पिता मुरलीधर लख राम के नाम पर गुड़गांव से MDLR एयरलाइंस की शुरुआत की। हालांकि, बाद में विवाद होने पर इसे बंद कर दिया। इस दौरान कांडा की करीब 40 दूसरी कंपनियां चलती रहीं। इन्हीं कंपनियों में गोपाल कांडा ने लड़कियों को भर्ती करना शुरू कर दिया। छोटी उम्र की लड़कियों को बड़े पद देने शुरू कर दिए। इन्हीं में दिल्ली की लड़की गीतिका भी शामिल थी। गीतिका को पहले इंटरव्यू के बाद सीधे केबिन क्रू का अपॉइंटमेंट लेटर दे दिया गया। 6 महीने बाद गीतिका 18 साल की हुई तो उसे एयरहोस्टेस बना दिया गया। इसके बाद गीतिका की तरक्की इतनी तेजी से हुई कि 3 साल में वह ट्रेनी से गोपाल कांडा की कंपनी में डायरेक्टर बन गई। इसके पीछे गोपाल कांडा को माना जाता है। हालांकि, दोनों के बीच अचानक कोई बात हुई तो गीतिका ने कांडा की कंपनी छोड़ दी। उसने दुबई में नौकरी करनी शुरू कर दी। अचानक उसे दिल्ली आने को मजबूर किया गया।

गीतिका ने सुसाइड नोट में इन दो को ठहराया जिम्मेदार :-

बता दें कि गीतिका शर्मा ने 23 साल की उम्र में 5 अगस्त, 2012 को दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने ही फ्लैट में सुसाइड कर ली l उसने खुद को फांसी लगाई थी l जाँच के दौरान पुलिस को गीतिका के घर से सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उसने सुसाइड के लिए गोपाल कांडा और MDLR की मैनेजर अरूणा चड्‌ढा को जिम्मेदार ठहराया। अपने उस सुसाइड नोट में गीतिका ने लिखा कि “मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं। मेरा विश्वास टूट गया है। मेरे साथ धोखा किया गया। गोपाल कांडा और अरूणा चड्ढा ने मेरा विश्वास तोड़ा।”

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