आपको बता दें कि CHANDRAYAAN 3 अपनी LANDER VIKRAM को धीमा करने कि प्रतिक्रिया से गुजरेगा, जिसके बाद 23 अगस्त को चाँद के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगी। चंद्रयान अपने सफलतापूर्ण सफर कि तरफ बड़ी तेज़ी से चलता दिख रहा है। आपको बता दें कि 14 जुलाई को CHANDRYAAN 3 ने अपनी गति से उड़ान भरी थी।
VIKRAM LANDER ( विक्रम लैंडर )
आपको बता दें कि पूरा देश 77 स्वतंत्रता दिवश की अमृत बेला को जी रहा है। जहाँ अमृत महोत्सव का समय चल रहा है। वही, चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग होने की ख़बर देश में खुशी कि नई उमंग दे रही है। पौने चार लाख किलोमीटर की यात्रा में बची हुई 100 km की दूरी अब उसे खुद ही तय करनी है। आपको बताते चले कि प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद विक्रम लैंडर गोलाकार ऑर्बिट में नहीं घूमेगा। वह 30 km x 100 km की अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाने के लिए दो बार डीऑर्बिटिंग करेगा हैं। आपको बता दें कि वो अपनी उचाई कम करेगा। साथ ही गति भी कम करेगा और दिशा में घुमायेगा।
Chandrayaan-3 का आखरी पड़ाव
चांद के चारों तरफ Chandrayaan-3 का आखिरी वाला ऑर्बिट मैन्यूवर 16 अगस्त 2023 को किया गया था l चंद्रयान-3 अभी 153 km x 163 km की ऑर्बिट में है। मीडिया रिपोर्ट्स केअनुसार जब लॉन्चिग हुई थी तब इसरो प्रमुख डॉ एस. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान 3 को 100 किलोमीटर वाली गोलकार ऑर्बिट में लाएंगे। इसरो के एक सीनियर साइंटिस्ट ने बताया कि चंद्रयान-3 को 100 या 150 किलोमीटर की गोलाकार ऑर्बिट में डालने की प्लानिंग थी। अब भी यही योजना है। यह फैसला हाल ही में लिया गया है। इसलिए 16 अगस्त 2023 को चंद्रयान 3 ने जो ऑर्बिट हासिल किया था ये उसी फैसले का नतीजा है। आपको बता दें कि लैंडिंग में बस अब 6 दिनों का अंतराल बचा हुआ है।