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- Children Crying Strangulating In UP School | Mass Hysteria Outlined
12 घंटे पहलेलेखक: शिवेंद्र गौरव
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घटना नंबर-1
जगह- उत्तर प्रदेश के बरेली का एक सरकारी स्कूल
तारीख- 30 नवंबर 2024
यूपी स्कूल के अंदर 7 बच्चे अचानक अपना गला दबाने लगे, जोर-जोर से चीखने लगे। 7 बच्चों के इस बेहैवियर से पूरा स्कूल सकते में आ गया। बच्चे कह रहे थे कि उन्हें लंबे नाखूनों वाली एक लड़की दिखी, जो उनका गला दबा रही थी। डर की वजह से कुछ बच्चे स्कूल छोड़कर भाग गए। टीचर्स ने तुरंत डॉक्टर, पुलिस-प्रशासन और बच्चों के परिजनों को सूचना दी। डॉक्टर्स ने बच्चों की जांच की तो कहा, यह हिस्टीरिया हो सकता है।
घटना नंबर- 2
जगह- उत्तराखंड के बागेश्वर जिले का रैखोली जूनियर हाईस्कूल
तारीख- 30 जुलाई 2022
स्कूल में 8वीं क्लास की 6 लड़कियां और 2 लड़के बिना किसी वजह के एकसाथ रोने, चीखने, जमीन पर लोटने और सिर पटकने लगे। रोते-रोते बेहोश तक हो गए। यहां भी बच्चों में मास हिस्टीरिया की आशंका जताई गई।
घटना नंबर-3
जगह- नेपाल के प्यूथान जिले का एक स्कूल
साल- 2022
स्कूल में एक 9 साल की बच्ची रोने-चीखने लगी थी। उसे देखकर दूसरे बच्चे भी रोने लगे। रोने और अजीब हरकतें करने वाले कुल स्टूडेंट्स की कुल संख्या 47 थी। इसी स्कूल में साल 2017 और 2016 में भी एक ही वक्त में कई बच्चों में एक जैसे बर्ताव या लक्षण देखे गए थे। इसे रिपीट होने वाले मास हिस्टीरिया का अजीबोगरीब मामला माना गया था।
घटना नंबर-4
जगह- स्ट्रासबर्ग, रोमन साम्राज्य (आज का फ्रांस)
साल- जुलाई 1518
यह इतिहास में दर्ज इस तरह की सबसे पुरानी घटना है। स्ट्रासबर्ग के बाजार में एक महिला शॉपिंग के लिए आई हुई थी। उसने अचानक अपने बाल खोले और कपड़े उतारकर नाचने लगी। उसकी देखादेखी शाम होने तक स्ट्रासबर्ग की सड़कों पर करीब 400 लोग नाच रहे थे। देखने वालों ने कहा कि ये लोग थकने पर अपने आप रुक जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
हफ़्तों तक लोग नंगे होकर स्ट्रासबर्ग की सड़कों पर नाच रहे थे। ट्रैफिक में कोई रुकावट न आए, इसलिए इन लोगों के नाचने के लिए एक बड़ा सा स्टेज बनाया गया। म्यूजिक की व्यवस्था की गई। लोग नाचते-नाचते गिर पड़ते, उठते और फिर से नाचने लगते। आखिर में जब कई लोग हार्ट-अटैक के चलते मरने लगे तब उन्हें रोका गया। रोकने के लिए हाथ-पैर बांधने पड़े। इसे भी मास हिस्टीरिया का मामला माना जाता है।
सवाल यह है कि यह भूतबाधा जैसा कुछ है, कोई मानसिक बीमारी है या कोरी अफवाह का असर
बरेली के स्कूल में बच्चों ने कहा लंबे नाखून वाली लड़की देखी सबसे पहले बरेली की घटना जान लेते हैं। बरेली के नवाबगंज इलाके में एक गांव है- ईंध जागीर। यहां के सरकारी स्कूल में शनिवार दोपहर 2.30 बजे क्लास-6 की एक छात्रा अचानक गश खाकर गिर पड़ी और अपना ही गला दबाने लगी। यह देखकर क्लास के बच्चे और टीचर हैरान हो गए। इसके तुरंत बाद अन्य बच्चे दीप्ति, लता, फरीन, सोहेल, इंद्रजीत और अंजुम भी उसी की तरह हरकत करने लगे।
जमीन पर पड़ी छात्रा काफी देर तक चीखती-चिल्लाती रही।
बच्चों के रोने-चिल्लाने के बाद गांव के प्रधान, नवाबगंज सीएचसी के डॉक्टर विजय और उनकी टीम मौके पर पहुंची। बच्चों ने बताया कि उन्हें लंबे नाखून वाली लड़की दिख रही थी। उसने बच्चों को नोचा, गला दबाया और साथ ले जा रही थी। डॉक्टरों ने जांच की और कहा कि बच्चों में किसी बीमारी के संकेत नहीं हैं। बच्चों ने दोपहर 1 बजे आलू-टमाटर की सब्जी और चावल खाया था। खाने की भी जांच हुई, उसमें भी कुछ नहीं निकला।
परिवार के लोग स्कूल पहुंचे और बच्चों को घर ले गए।
जिले के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित गंगवार ने बताया, ‘बच्चों में किसी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए। हो सकता है कि सर्दी, थकान या वर्क लोड के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ी हो। एक बच्चे की हालत बिगड़ने पर अन्य बच्चे सामूहिक डर के चलते वैसा ही व्यवहार करने लगे हों।’
एक छात्रा काफी देर तक बेहोश रही। बाद में डॉक्टरों ने उसका चेकअप किया, तो सब कुछ नॉर्मल निकला।
इलाके के SDM एके उपाध्याय और लेखपाल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चों और स्कूल स्टाफ से घटना की पूरी जानकारी ली। पुलिस भी घटना को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है।
इस पूरी घटना में भी डॉक्टर्स मास हिस्टीरिया की आशंका जता रहे हैं।
मास हिस्टीरिया क्या है? हिस्टीरिया का शाब्दिक अर्थ है- किसी भावना, एक्साइटमेंट या इमोशन का बिना कंट्रोल के बढ़ना। इसे ऐसे समझिए कि अगर अचानक भोपाल के किसी कॉलेज के बाहर विराट कोहली टहलने लगें तो यूथ में, उनके फैंस में उन्हें देखकर एक अनकंट्रोल्ड एक्साइटमेंट होगा। सब उन्हें मिलने, हाथ मिलाने और फोटो लेने के लिए सोच रहे होंगे। उनकी ये फीलिंग बढ़ती जाएगी। यही हिस्टीरिया है। वहीं मास का अर्थ है- समूह।
बरेली के मशहूर न्यूरो सर्जन डॉ. सतीश कुमार कहते हैं कि जब अचानक किसी घटना, आवाज या किसी भी और वजह से एक के बाद एक कई लोगों में एक जैसी फीलिंग आने लगती है तो इसे मास हिस्टीरिया कहते हैं। यह फीलिंग डर की भी हो सकती है। अचानक किसी आवाज, किसी घटना, किसी आकृति या मन की किसी डरावनी कल्पना से जब एक व्यक्ति डरता है और उसे देखकर या सुनकर बाकी लोग भी वैसा ही करने लगते हैं तो इसे डर वाली मास हिस्टीरिया कहते हैं।
डॉ. सतीश कुमार तीन प्रमुख बातें बताते हैं- 1. हिस्टीरिया मानसिक बीमारी नहीं है: डॉक्टर सतीश कहते हैं कि दिमाग में खुशी, गम और डर के लिए डोपामिन और सेरेटोनिन जैसे हॉर्मोन काम करते हैं। इनका एक सही बैलेंस बना रहेगा तो व्यक्ति संतुलित रहेगा। अगर इन हॉर्मोन्स का बैलेंस ठीक नहीं है और स्थायी रूप से बिगड़ता जा रहा है तो व्यक्ति को बीमार कहा जाएगा।
हिस्टीरिया के मामले में ऐसा नहीं है, यह…