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यकीन की चिड़िया, दर ब दर उड़ रही है,किस दरख़्त पर बसेरा बनाए, परेशान सी सोच रही है।ना जाने कब…

नई दिल्ली: लेखकों डॉ. हर्षाली सिंह और मोना वर्मा की साहित्यिक कोशिश हाउस ऑफ हार्मनी रविवार 16 अप्रैल को राष्ट्रीय…

अपनी हस्ती को बचाए रखने को उम्मीद का दामन ज़रूरी है ,दिलो दिमाग की डयोढी पर उम्मीद का आसन ज़रूरी…

एतबार की हद कोई कभी न समझ सका,चंद पलों में कभी जम गया, कभी ताउम्र ना बन सका। वो मेरा…