हाल हीं में लोकसभा में मोदी सरकार का तीसरे सत्र का बजट पेश हुआ है। जिससे विपक्ष ने सरकार पर सीधे निशाने साधने शुरू कर दिये है। बजट पेश होते ही लगता है लोकसभा की मानो हवा में ही बदलाव आ गया हो ,आइये जानते है कैसे।
बिहार और आंध्र प्रदेश के आलावा और राज्यों के लिए क्या?
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है की केवल 2 राज्यों को सहायता देना काफी नहीं। वही बात करे उनकी मीडिया से हुई बात चीत की जिसमे उन्होंने बोलै की इस सरकार ने पक्की नौकरी देने का वादा क्यों नहीं दिया? इस बजट से भी हमे अब कोई उम्मीद नहीं बची। शिव सेना की प्रमुख नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी निराशा जताई अपने राज्य के लिए उनके हिसाब से ये बजट प्रधान मंत्री सरकार बचाओ योजना बोलै। वही बात करे राहुल गाँधी सोनिआ गाँधी की तो उन्होंने भी विरोधियो का पूर्ण समर्थन दिया।
ऐसा क्या बोले खड़गे सभा में?
दरअसल सभी कटाक्षों में सबसे तीखा कटाक्ष, खड़के का रहा. उन्होंने सरकार को नकलची बोला और इस बजट को कुर्सी बचाओ वाला बजट भी घोषित किया इस कटाक्ष से निर्मला सीथारमन काफी भड़क गयी और बोली की बजट में नाम न लेने से ऐसा बिकुल नहीं है की हमने उस राज्ये के बारे में कुछ नहीं रखा , आप हमे दिखाइए की अपने सभी बजट में कितने राज्यों का नाम लिया है? उन्होंने अपना निशाना बंगाल पर भी साधा ये बोलकर की पिछले 10 सालो में बंगाल ने कितनी केंद्रीय नीतियों को अभी तक अपनाया है? इस के साथ ही सभा में काफी बेहेस भी छिड़ गयी।