सनातन धर्म में सभी त्योहार व पूजा पाठ को बेहद ख़ुशी और अराधना के साथ मनाया जाता हैं l तुलसी विवाह का सनातन धर्म में विशेष महत्त्व हैं l तुलसी विवाह को बेहद ही शुभ माना जाता हैं क्योंकि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है। तुलसी माता की पूजा करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी निद्रा से जागते हैं l इस दिन तुलसी मां का विवाह भगवान शालिग्राम (विष्णु जी के अवतार) के साथ किया जाता है l यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाया जाता है। शास्त्रों में निहित है कि तुलसी विवाह के दिन भगवान विष्णु और तुलसी माता परिणय सूत्र में बंधे थे। लोगों की मान्यता हैं कि इस दिन से शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है l आइए जानते हैं तुलसी विवाह की तिथि और शुभ मुहूर्त?

तुलसी विवाह तिथि और शुभ मुहूर्त

बता दें कि ज्योतिषियों की मानें तो 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं। हालांकि, एकादशी तिथि 23 नवंबर को रात 09 बजकर 01 मिनट तक है। इसके बाद द्वादशी तिथि है। इससे पूर्व के वर्षों में एक दिन पर ही एकादशी और द्वादशी तिथि पड़ने के चलते दोनों पर्व एक साथ मनाया जाता था। इस वर्ष द्वादशी तिथि 23 नवंबर को संध्याकाल 09 बजकर 01 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 24 नवंबर को संध्याकाल 07 बजकर 06 मिनट तक है। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। साल 2023 में तुलसी विवाह 24 नवंबर 2023, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा l

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