हरियाणा के बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को विधायक गोपाल कांडा को बरी कर दिया। राउज़ एवेन्यू कोर्ट की ओर से विधायक गोपाल कांडा को बड़ी राहत मिली है। कांडा इस केस के मुख्य आरोपी थे। कांडा हरियाणा के गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। वह इस मामले में 18 महीने जेल में भी रह चुके हैं। 11 साल बाद आए इस फैसले पर जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने हाथ जोड़े और कुछ नहीं कहा।
बता दें कि सिरसा से विधायक गोपाल कांडा को राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया है। गोपाल कांडा गीतिका नाम की एयरहोस्टेस के आत्महत्या मामले में मुख्य आरोपी था। मुरली धर लख राम नाम से कांडा की एक एयरलाइंस कंपनी थी। इस कंपनी में गीतिका शर्मा नाम की एयर होस्टेस काम किया करती थी। 5 अगस्त 2012 में गीतिका ने सूइसाइड कर लिया। पुलिस ने सूइसाइड नोट देखा तो उसमें गोपाल कांडा का नाम था, जिसने हंगामा मचा दिया। कांडा पर आरोप था कि उन्होंने एयरहोस्टेस गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाया है।
हालांकि बाद में मीडिया से बात करते हुए गोपाल कांडा ने कहा- ” मेरे खिलाफ एक भी सबूत या कुछ नहीं था। यह सिर्फ और सिर्फ बनाया गया था। ये किस सोच से और क्यों बनाया गया था? ये कोर्ट ने आज फैसला दे दिया है। ये सबके सामने है। गोपाल कांडा के वकील RS मालिक ने कहा की पहले दिन से ही उनके क्लाइंट के खिलाफ एविडेंस नहीं थे। बता दें कि कांडा के साथ उनकी MDLR कंपनी की मैनेजर अरूणा चड्ढा को भी इस केस में बरी कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि गीतिका विधायक कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस के तौर पर काम करती थी। उसने 23 साल की उम्र में 5 अगस्त, 2012 को दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने ही फ्लैट में सुसाइड किया था। गीतिका के परिवार वालों ने गोपाल पर गीतिका को परेशान करने का आरोप लगाया था और मौत का जिम्मेदार बताया था। सुसाइड से पहले गीतिका ने भी अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा और अरूणा चड्ढा को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था l गीतिका ने लिखा कि “मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं। मेरा विश्वास टूट गया है। मेरे साथ धोखा किया गया। गोपाल कांडा और अरूणा चड्ढा ने मेरा विश्वास तोड़ा।”