टमाटर को लेकर कीमतों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल गई है l टमाटर के दाम इतने ज्यादा बढ़ गए है कि लोगो के बीच बढ़ता दाम अब चिंता का विषय बन गया है l उपभोक्ता की जेब पर इसका बहुत भारी प्रभाव पड़ रहा है l मई के पहले सप्ताह में इसकी कीमतें महज 15 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर जून के अंत तक 110 रुपये तक पहुंच गई हैं l टमाटर के दाम में कुछ ही हफ्तों में लगभग 200 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है l जिसको लेकर लोग बेहद परेशान नजर आ रहे है l जैसा कि आप सभी जानते है भारतीयों की रसोई में टमाटर होना जरूरी है क्योकि बिना टमाटर किसी भी खाने के स्वाद में वह मजा नहीं आता, जो इसके होने से आता है l इसलिए यह लोगो के लिए बहुत महत्वपूर्ण सब्जी होती है जिसके बिना खाने में कोई स्वाद ही नहीं आता l देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार हो गई है। यहां तक कि थोक मंडियों में इसके भाव 60 रुपये से 80 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। विक्रेताओं ने मौसम और बरसात को इसका कारण बताया है। हालांकि विशेषज्ञ इस बात से इनकार करते हैं बढ़े हुए दामों के पीछे भंडारण है। 100 से 120 रुपये प्रति किलो टमाटर होने से आम आदमी उसे खरीदने से पहले चार बार सोच रहा है। कीमतों में अचानक वृद्धि से कई लोगों का घरेलू बजट गड़बड़ा गया है। इस बीच सरकार ने कहा है कि कीमतों में उछाल अस्थाई और मौसमी है। जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।

क्या है टमाटर की कीमतों में वृद्धि का कारण ?

बता दें ऐसा माना गया है कि बिपरजॉय तूफान के कारण हुई बारिश से एक तरफ महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में टमाटर की फसल प्रभावित हुई है तो दूसरी ओर बिहार और पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी के कारण भी टमाटर की फसल का नुकसान हुआ है। इसके चलते देश के कई राज्यों की मंडियों में टमाटर की आवक कम हो गई, जिससे कीमतें रातों-रात आसमान छू गईं। टमाटर ही नहीं मंडियों में अन्य हरी सब्जियों की कीमतों में भी उछाल देखा जा रहा है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि कुछ राज्यों में अगले एक दो महीनों में जब टमाटर व अन्य सब्जियों की नई खेप की आवक बढ़ेंगी कीमतों में राहत मिलगी। विक्रेताओं ने कीमतों में वृद्धि के लिए उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भारी वर्षा को जिम्मेदार ठहराया है, जिसकी वजह से फसल को नुकसान हुआ है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश होने से टमाटर की आपूर्ति बाधित होने से इसके दाम में उछाल आया है। मदर डेयरी के प्रवक्ता ने बताया कि मानसून आने से टमाटर की फसल इस समय मौसमी बदलावों से गुजर रही है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश होने से टमाटर की फसल प्रभावित हुई है और इसकी आपूर्ति भी मांग की तुलना में कम हो गई है।

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