हम सभी पैसा बनाना चाहते हैं, अपनी धन संपदा में बढ़ोतरी चाहते हैं।हम में से सभी की यह कामना होती है कि जब तक रिटायर हों, हमारे सभी वित्तीय उद्देश्य पूरे हो जाएं। किंतु हम में से कितने हैं जो अपने निवेश का योजनाबद्ध रूप से प्रबंधन करते हैंमज़े की बात यह है कि हम सब सप्ताहांत होने वाली पार्टी प्लान करते हैं,बहुत पहले से छुट्टियों में कहां जाना है ,
यह प्लान करके रख लेते हैं, मेहमानों के आने से पहले मेन्यू प्लान करके बैठते हैं लेकिन जब बात वित्तीय प्रबंधन की या निवेश प्रबंधन की आती है, हम इस बारे में न सोचना चाहते हैं ,ना इस विषय पर समय लगाते हैं।एक समुचित और सुव्यवस्थित निवेश पोर्टफोलियो रातों रात नहीं बन जाता। इसके लिए कई बरसों की प्लानिंग लगती है।यदि आप कम से कम जोखिम में समुचित रिटर्न ढूंढ रहे हैं तो आपको को अनुशासित ढंग से निवेश करना होगा।
आपके निवेश पोर्टफोलियो को चाहे आप स्वयं संभाल रहे हों या आप किसी प्रोफेशनल की मदद ले रहे हों,आप इन सिद्धांतों की मदद से एक आकर्षक पोर्टफोलियो बना सकते हैं जितनी जल्दी हो सके निवेश शुरू करें। जिस दिन भी आपको लगे कि निवेश करना है, तब से ही शुरू कीजिए। यदि आप चाहें तो छोटी राशि से निवेश शुरू कर के धीरे धीरे आगे बढ़ सकते हैं।
जब हम काम करके पैसे कमाना शुरू करते हैं ,तब हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और सबल होते हैं। धीरे धीरे हमारी आय बढ़ती है और हम निवेश करने में और सक्षम होते जाते हैं।निवेश की पहली शर्त है अनुशासन। यदि योजनाबद्ध तरीके से ,अनुशासन के साथ निवेश करेंगे तो बगैर किसी परेशानी के आप अपने वित्तीय उद्देश पूरे कर पायेंगे।
अपने वित्तीय उद्देश्यों को भली भांति परख लें।कितने समय में इन वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करना है, यह समय सीमा भी सुनिश्चित कर लें।आज आप किस जगह खड़े हैं और आगे आपको कहां तक जाना है ,यह सब आप पहले से सोच लेंगे तो आप आसानी से अपने निवेश को संभाल सकते हैं। यदि आप फाइनेंशियल कंसल्टेंट की मदद ले रहे हैं
तो उनके साथ भी यह सब पहले से ही डिस्कस कर लें।आपकी आर्थिक क्षमता और आपकी आर्थिक जिम्मेदारियों के बारे में आप से बेहतर कोई नहीं जानता। आपके वित्तीय गोल ऐसे होने चाहिए जिनको पूरा करने में किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
आप पर अतिरिक्त भार न पड़े, ऐसे सोच समझ कर निवेश करें।बेहतर होगा यदि आप दीर्घकालिक योजना के तहत अपने निवेश का प्रबंधन करें।रिसर्च ने ये साबित किया है कि आप जितने ज़्यादा समय के लिए निवेश करेंगे, उतने ही ज़्यादा कंपाउंडिंग रिटर्न मिलेंगे। कंपाउंडिंग रिटर्न में आपके निवेश को बढ़ाने की जादुई ताकत होती है, जिस से आप समय से पहले ही अपने वित्तीय उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम होंगे।यह पहले से सुनिश्चित कर लें, आप किस प्रकार के निवेशक हैं, आप कितना जोखिम उठा सकते हैं ,
आप कहां आसानी से निवेश कर सकते हैं ? आप किस परि संपत्ति वर्ग में निवेश करना चाहते हैं यह भी सोच समझ लें। इसी आधार पर आप अपने वित्तीय उद्देश्य निश्चित करके आगे बढ़ पाएंगे।आपके निवेश पोर्टफोलियो में विवधता होनी चाहिए। आप अपने सारे धन को एक ही जगह निवेशित न करें। आप मार्केट में उपलब्ध सभी निवेश विकल्पों को भली भांति परखें
फिर उसमें से जो जो विकल्प कम जोखिम में ज़्यादा रिटर्न देते हुए आपके वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करने में समर्थ हों, ऐसे विकल्पों के साथ आगे बढ़ें। अलग अलग कम्पनियों में परि संपत्ति आवंटन कर के आप एक बहुत ही आकर्षक निवेश पोर्टफोलियो के मालिक बन सकते हैं।याद रखिए आत्म विश्वास,धैर्य और बेहतर प्लानिंग से आप एक सफल निवेशक बन सकते हैं।
एकता सेहगल, मानस वेल्थ