बूंदी में बाल कल्याण समिति के समक्ष बहुत ही संवेदनशील मामला सामने आया है। सोलह वर्षीय बालिका वधु ने बाल कल्याण समिति के समक्ष आवेदन किया और कहा कि पति हर दिन करता है मारपीट और परेशान, दो माह का है गर्भ, मेरा गर्भपात करवाओ l बता दें कि छोटी उम्र में शादी बाद ससुराल आई नाबालिग ने अपने गर्भपात के लिए समिति को आवेदन किया है। दो माह की गर्भवती नाबालिग ने पति पर मारपीट और जबरदस्ती करने का भी आरोप लगाया है। बाल कल्याण समिति इस मामले में सभी कानूनी और चिकित्सकीय बिंदूओं का अध्ययन कर रही है।
आपको बता दें कि बाल कल्याण समिति के समक्ष हिण्डोली उपखण्ड में रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग ने आवेदन कर अपनी मर्जी से गर्भपात कराने का आग्रह किया है l उसका कहना है कि तीन साल पहले कोरोना के दौरान उसके परिजनों ने 13 साल की उम्र में ही उसका निकाह कर दिया था। नाबालिक कई बार निकाह के बाद ससुराल आई l यहां उसका पति हर दिन उसके साथ मारपीट और जबरदस्ती करता है। इससे वह दुखी है। वह अब पति के साथ रहना नहीं चाहती। उसके दो माह का गर्भ है। उसके भविष्य को देखते हुए गर्भपात करवाया जाएं। बता दें कि नाबालिग ने 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की।
बढ़ सकती है समस्याएं :-
इस मामले में महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ मोबिन खान ने बताया कि यदि कम उम्र में ही गर्भपात होता है तो पीडि़ता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सबसे पहले पीडि़ता की देख भाल जरुरी है l इससे शारीरिक कमजोरी भी आ सकती है। वहीं बाल कल्याण समिति बूंदी की अध्यक्ष सीमा पोद्दार का कहना था कि इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई जारी है। अभी नाबालिग के बयान नहीं हुए है।
कानूनी सलाह :-
आपको बता दें कि कानूनी सलाहकार एडवोकेट विवेक नंदवाना ने बताया कि यदि कोई नाबालिग गर्भ से है और वह संतान नहीं चाहती है तो इस संबंध में शीघ्र ही मेडिकल बोर्ड से राय लिए जाकर कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए, लेकिन नाबालिग के आवेदन पर कोई निर्णय पारित किए जाने की कानून अनुमति नहीं देता है। इसके बावजूद यदि समिति नाबालिग के हित में उचित समझती है तो अपने न्यायिक विवेक से उचित कार्यवाही कर सकती है।