प्रयागराज में गंगा और यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से 70 फ़िज़्दी बढ़ गया है। वहां के कुछ लोग बाढ़ के पानी से बचने के लिए अपनी जरूरतों का सामान लेके छत पर चढ़ गए है और बाढ़ की वजह से लोगो को समस्या हो रही है और ये खा नहीं जा सकता की बांध कब तक गंगा और यमुना के पानी को रोक सकता है।
शहरी इलाकों में भी घुस गया बाढ़ का पानी
आपको बता दे प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी उफान पर है जिस वजह से वहां के परिवार अपना घर छोड़कर स्कूलों और कॉलेजो में शरण ले रहे है। बाढ़ से ग्रस्त चिल्ला,नेवादा,राजपुर,अशोकनगर,गंगानगर जैसे इलाकों में नाँव चलाई जा रही है। ससुर खदेरी नदी के किनारे क्षेत्रों में बाढ़ से ग्रस्त लोगों की सम्भावना ज्यादा हो सकती है और वहीं गंगापुर के गावँ में बाढ़ का अधिक प्रभाव भी देखा जा रहा है। वही राजपुर के 225 परिवारों ने ऋषिकेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शरण ली है। वहीं छोटा बघाड़ा गावँ के लोगों ने बेसेंट स्कूल में शरण ली। द्रोपदी घाटड के 130 परिवारो ने केंट हाई स्कूल में शरण ली वहीं बेली के कछार में 80 परिवारो ने उमराव सिंब हायर सेकेंडरी स्कूल में शरण ली और 230 लोगो ने करेलाबाग में अपने परिवार समेत यूनिटी पब्लिक स्कूल में शरण ली है और बेली कछार के 292 परिवारो ने महबूब अली इंटर कॉलेज में शरण ली। गंगा नदी खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर बढ़ गया है। खतरे का निशान 84.734 मीटर बढ़ गया है फाफामऊ में बाढ़ का स्तर 83.95 मीटर बढ़ गया है। छतनाग में बाढ़ का स्तर 83.18 मीटर है। आपको बता दे की नैनी में यमुना का जल प्रभाव 83.80 से बढ़ गया है नदी का जल स्तर बढ़कर 1 सेंटीमीटर हो गया है।