महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न मामले में फंसे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं l बता दें इस मामले में चार्जशीट दायर किए जाने के बाद दिल्ली की कोर्ट में सुनवाई चल रही है l दिल्‍ली पुलिस के पास बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के पर्याप्‍त सबूत हैं। यौन उत्पीड़न मामले में अदालत ने उन्हें पेशी से एक दिन की छूट दे दी है, वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। पुलिस ने कहा, बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के लिए हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं l

बता दें कि बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में बड़ा दावा किया है l दिल्ली पुलिस के वकील ने शनिवार को अदालत को बताया कि बृजभूषण को जब भी मौका मिला, उन्होंने शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की लज्जा भंग करने की कोशिश की l पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष दलील देते हुए कहा कि सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

बता दें कि बृजभूषण शरण की तरफ से अनुरोध किए जाने पर शनिवार को पेशी से छूट दी गई l दिल्ली पुलिस के वकील ने बताया कि बृजभूषण के खिलाफ तीन तरह के सबूत हैं, जिनमें लिखित शिकायत, सीआरपीसी की धारा 161 और 164 के तहत बयान शामिल हैं जो आरोप तय करने के लिए पर्याप्त हैं l उन्होंने कहा कि आरोप तय करना अदालत के अधिकार क्षेत्र में है l

दिल्ली पुलिस ने घटनाओं का हवाला देते हुए कहा…

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामले में ताजिकिस्तान की कथित घटनाओं का हवाला देते हुए दावा किया कि ये घटनाएं उनके कार्यों को दर्शाती हैं। पुलिस के मुताबिक, ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया, और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर उचित ठहराया कि उसने ऐसा एक पिता की तरह किया। ताजिकिस्तान में एशियाई चैम्पियनशिप की एक अन्य शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ने बिना अनुमति के एक महिला पहलवान की शर्ट उठाई और उसके पेट को अनुचित तरीके से छुआ। दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया कि ये घटनाएं भारत के बाहर हुईं लेकिन मामले के लिए उपयुक्त थीं।

बता दें कि इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने इस बात पर भी जोर दिया कि बात यह नहीं है कि पीड़ितों ने घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी या नहीं, बल्कि बात यह है कि उनके साथ गलत आचरण हुआ। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में WFI के कार्यालय में एक कथित घटना का भी उल्लेख किया और कहा कि शिकायतों के लिए राष्ट्रीय राजधानी उपयुक्त क्षेत्राधिकार है l

जानकारी के लिए आपको बता दें कि मामले की विस्तार से सुनवाई के बाद ACMM ने मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को तय की। दिल्ली पुलिस ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित निगरानी समिति ने उन्हें दोषमुक्त नहीं किया था।

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