भाजपा ने की 2014 के मुकाबले जाटो की टिकटों में की कटौती इस बार ओ.बी.सी की जनजाती को टिकट मिल सकती है। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में काफी हद तक जातियों की जनगड़ना पर निर्भर होता है। हर पार्टी अपने वोट बैंक के हिसाब से उन क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी को खड़ा करेगे जिन क्षेत्रों में उन्हें वोट मिल सकते है। इस बार बीजेपी ओ.बी.सी. के मतदाताओं का झुकाव अपनी तरफ करना चाहती है ताकि हरियाणा में बीजेपी की सरकार बन सके।

क्या बनेगी हरियाणा में बीजेपी सरकार

इस बार बीजेपी के ओ.बी.सी. कोटे से अपने प्रत्याशी नायब सिंह सैनी को उतार रहे है। दस सालो के बाद बीजेपी ने ओ.बी. सी. के प्रत्याशी के बढ़ोतरी करके 33 फीसदी बड़ा दी है। पिछले साल के मुकाबले बीजेपी ने प्रत्याशी की सीटों में बदलाव किये है जैसे ओ.बी. सी. की 20 सीटे ,जाटों की सीटे 16 कर दी गई और गूजर ,ब्राह्मण, वैश्या ,सिख ,को दी है।हमारे सविधान में भी महिलाओ के लिए विधान सभा चुनाव में 403 में से 132 सीट और राज्य सभा चुनाव में 26 सीट आरक्षित की गई है, ताकि वह भी विधान सभा और राज्य सभा का चुनाव किसी भी क्षेत्र से लड़ सके। क्या इस बार होगी हरियाणा में जीतेगी कांग्रेस सरकार या इस बार फिर से हरियाणा में बीजेपी सरकार की सत्ता आ सकती है। अगर बीजेपी सरकार सत्ता में आयी तो क्या हरियाणा में विकास होने की संभावना है। इस बार बीजेपी सरकार ने राजपूतों के सीटो में भी बढ़ोतरी की है और उन्होंने रादौर से पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा को पहला टिकट दीया है।

क्या पंजाबियो के साथ ब्राह्मणों को भी मिलेगी टिकट

बीजेपी ने 11 पंजाबियों के साथ ब्राह्मणों को भी दे सकती है उतनी ही टिकट जो की पिछले विधान सभा चुनाव के मुकाबले बीजेपी ने कम करदी थी। वैश्यों की टिकट उन सीटों पर कुछ की बदली कर दी गई है। सैनी कोटे ने बीजेपी के लाडवा के पूर्व विधायक पवन सैनी को भी टिकट दे रही है बीजेपी। वही ओ.बी. सी. कोटे के 18 यादव और 5 गुजर को खड़ा कर रही है बीजेपी सरकार ने विश्नोई समाज का समर्थन पाने के लिए भव्य विश्नोई और दुड़ाराम को भी टिकट दे रही है।

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